मुग़ल साम्राज्य सोलहवीं शताब्दी से लेकर अट्ठारहवीं शताब्दी तक भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी ऊंचाई पर था। वास्तुकला की वह शैली जो इस्लामी, भारतीय और फारसी शैलियों का एक अनूठा मिश्रण है, शाहजहाँ (शासनकाल 1628-1658) के तहत अपने स्वर्ण युग में पहुँची, जिसने शानदार ताजमहल और कुछ अन्य समान रूप से प्रभावशाली स्मारकों का निर्माण किया।
भारत में भवन निर्माण और शिल्प कला में एक बहुत बड़ा और नया मोड़ आया, जब मुग़लों का भारतीय महाद्वीप पर आगमन हुआ | मुग़ल 12वि शताब्दी के अंत में भारत आये थे |मुग़ल अपने साथ भवन निर्माण और शिल्प कला के नए तरीके और तकनीके भी लाये, जैसे विभिन्न आकारों का उपयोग, कुरेद कर …
भारत-इस्लामी वास्तुकला भारतीय उपमहाद्वीप के इस्लामी वास्तुकला को संदर्भित करती है, खासकर भारत के आज के राज्यों, पाकिस्तान और बांग्लादेश के क्षेत्र में। यद्यपि इस्लाम पहले से ही पश्चिमी तट पर उपमहाद…
मुगलकाल को उसकी बहुमुखी सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण भारतीय इतिहास का द्वितीय क्लासिकी युग (Second Classical Age) कहा गया है। मुगल कालीन स्थापत्य मध्य एशिया की इस्लामी और भारतीय कला …
ताज महल इस्लामिक वास्तुकला की एक अनुपम कृति इस्लामी वास्तुकला एक प्रकार की वास्तु कला है जो की इस्लाम धर्म से प्रभावित है और इस्लामिक शासको एवं सरकारों द्वारा दुनिया भर में प्रचारित की गयी।
भारत में भवन निर्माण और शिल्प कला में एक बहुत बड़ा और नया मोड़ आया, जब मुग़लों का भारतीय महाद्वीप पर आगमन हुआ | मुग़ल 12वि शताब्दी के अंत में भारत आये थे |मुग़ल अपने साथ भवन निर्माण और शिल्प कला के नए तरीके और तकनीके भी लाये, जैसे विभिन्न आकारों का उपयोग, कुरेद कर …
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