1500 ई.पू. से 200 ई. तक, वैदिक काल के बाद, संरचनात्मक वास्तुकला में मुख्यतः हिंदू देवालय वास्तुकला, बौद्ध निर्माण एवं वास्तुकला, उदयगिरि और खंडगिरी वास्तुकला और भारतीय प्रस्तर वास्तुकला शामिल है। इस अवधि की वास्तुकला के सबसे शानदार नमूने, बौद्ध स्तूप, भारत में पवित्र पुरावशेषों के भंडारण से संबंधित स्मारक के रूप में इस्तेमाल किये जाते थे।
ई० पू० छठी शताब्दी में भारतीय राजनीति में एक नया परिवर्तन दृष्टिगत होता है। वह है-अनेक शक्तिशाली राज्यों का विकास। अधिशेष उत्पादन, नियमित कर व्यवस्था ने रा
ई० पू० छठी शताब्दी में भारतीय राजनीति में एक नया परिवर्तन दृष्टिगत होता है। वह है-अनेक शक्तिशाली राज्यों का विकास। अधिशेष उत्पादन, नियमित कर व्यवस्था ने रा