भारत मैं चित्रकला का इतिहास बहुत पुराना रहा हैं । पाषाण काल में ही मानव ने गुफा चित्रण करना शुरु कर दिया था । होशंगाबाद और भीमबेटका क्षेत्रों में कंदराओं और गुफाओं में मानव चित्रण के प्रमाण मिले हैं ।
राजा रवि वर्मा द्वारा बनाई गई तस्वीरें एक ऐसा चित्रकार जो अपने समय के मानक तोड़ता है। जो नकारा जाता है। जो बाहर कर दिया जाता है। लेकिन अपना मुकाम अर्जित कर सभी का शीर्ष बन जाता है। राजा रवि वर्मा। त्रावनकौर के चित्रकार।
भारतीय आधुनिक चित्रकला की अपनी पृथक नींव 20वीं शताब्दी की शुरुआत में ही बंगाल स्कूल की स्थापना से पड़ चुकी थी, जो मुख्यतः अबनींद्रनाथ टैगोर व उनके अन्य साथियों के साथ मिलकर अस्तित्व में आयी थी...
आजादी के बाद से क्या हम अब तक अपनी ऐसी अनेकों
भारत मैं चित्रकला का इतिहास बहुत पुराना रहा हैं । पाषाण काल में ही मानव ने गुफा चित्रण करना शुरु कर दिया था । होशंगाबाद और भीमबेटका क्षेत्रों में कंदराओं और गुफाओं में मानव चित्रण के प्रमाण मिले हैं ।
राजा रवि वर्मा द्वारा बनाई गई तस्वीरें एक ऐसा चित्रकार जो अपने समय के मानक तोड़ता है। जो नकारा जाता है। जो बाहर कर दिया जाता है। लेकिन अपना मुकाम अर्जित कर सभी का शीर्ष बन जाता है। राजा रवि वर्मा। त्रावनकौर के चित्रकार।
भारतीय आधुनिक चित्रकला की अपनी पृथक नींव 20वीं शताब्दी की शुरुआत में ही बंगाल स्कूल की स्थापना से पड़ चुकी थी, जो मुख्यतः अबनींद्रनाथ टैगोर व उनके अन्य साथियों के साथ मिलकर अस्तित्व में आयी थी...
आजादी के बाद से क्या हम अब तक अपनी ऐसी अनेकों