उत्तर-प्रभाववाद (पोस्ट-इम्प्रेशनिज़्म)

1880 के दशक के आरम्भ में शुरु हुए, उत्तर-प्रभाववाद में विभिन्न प्रकार की कलात्मक शैलियाँ शामिल हैं, लेकिन यह अमूर्त रूप और पैटर्न पर केंद्रित है।