कांच को फुलाना (ग्लास-ब्लोइंग)

कांच फुलाने की कला को लगभग 300 ईसा पूर्व विकसित किया गया था और 13 वीं शताब्दी में विनीशियन ग्लासब्लोवर्स ने इसे परिष्कृत किया। इसका उपयोग आज भी फूलदान जैसी सजावटी और कार्यात्मक वस्तुएं बनाने के लिए किया जाता है।