चीन में लगभग 100 ईसा पूर्व में इसका आविष्कार किया गया। कागज़ बनाना एक ऐसा शिल्प है जिसका सदियों से कार्यात्मक और कलात्मक उपयोग रहा है। विभिन्न प्रकार की लुगदी के संयोजन से विभिन्न मोटाई, बनावट और उपयोग के लिये बहु-रंगीन कागज़ बनते हैं।
आइये जानते हैं कागज कैसे बनाया जाता है (paper kaise banta hai)। आज भले ही कंप्यूटर का दौर आ चुका है लेकिन कागज का महत्व तो अभी भी बरकरार है। अपने स्कूल के
कागज एक पतला पदार्थ है जिस पर लिखा या प्रिन्ट किया जाता है। कागज मुख्य रूप से लिखने और छपाई के लिए प्रयुक्त होता है। यह वस्तुओं की पैकेजिंग करने के काम भी आता है। मानव सभ्यता के विकास में कागज का बहुत बड़ा योगदान है।
कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट में गाय के गोबर से पेपर बनाने की विधि इजाद की गई है। इस विधि को अब 'प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम' के तहत आम लोगों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।
षास. नवीन प्राथ. षाला चर्रा में नवीन प्राथमिक षाला चर्रा में समर कैंप 10 दिवसीय समर कैंप का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया इस अवकाषें स्कूल में पढ़नें वाले बच्चों के साथ-साथ बाहर गांव से आए हुए बच्चों ने भी हिस्सा लिया जो सराहनीय रहा ग्रीश्मकालीन समर कैंप के माध्यम से बच्चों को क्राफ्ट पेपर से अनेंको प्रकार के चीजें बनाना जैसे गुलाब का फूल मोर नाव कमल का फूल चूहा मछली गुलदस्ता का निर्माण किया गया
न अब कागज की कश्ती बनाना सिखाने वाले लोग रहे न कागज की कश्ती चलाने वाले बच्चे। न वे आंगन रहे जिसमें बरसात का पानी देर तक जम जाया करता था और वे बच्चे जो उसमें अपनी कागज की कश्तियां चलाते ताली पीटते थे। और बरसात भी वह नहीं रहा।
आइये जानते हैं कागज कैसे बनाया जाता है (paper kaise banta hai)। आज भले ही कंप्यूटर का दौर आ चुका है लेकिन कागज का महत्व तो अभी भी बरकरार है। अपने स्कूल के
कागज एक पतला पदार्थ है जिस पर लिखा या प्रिन्ट किया जाता है। कागज मुख्य रूप से लिखने और छपाई के लिए प्रयुक्त होता है। यह वस्तुओं की पैकेजिंग करने के काम भी आता है। मानव सभ्यता के विकास में कागज का बहुत बड़ा योगदान है।
कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट में गाय के गोबर से पेपर बनाने की विधि इजाद की गई है। इस विधि को अब 'प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम' के तहत आम लोगों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।
षास. नवीन प्राथ. षाला चर्रा में नवीन प्राथमिक षाला चर्रा में समर कैंप 10 दिवसीय समर कैंप का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया इस अवकाषें स्कूल में पढ़नें वाले बच्चों के साथ-साथ बाहर गांव से आए हुए बच्चों ने भी हिस्सा लिया जो सराहनीय रहा ग्रीश्मकालीन समर कैंप के माध्यम से बच्चों को क्राफ्ट पेपर से अनेंको प्रकार के चीजें बनाना जैसे गुलाब का फूल मोर नाव कमल का फूल चूहा मछली गुलदस्ता का निर्माण किया गया
न अब कागज की कश्ती बनाना सिखाने वाले लोग रहे न कागज की कश्ती चलाने वाले बच्चे। न वे आंगन रहे जिसमें बरसात का पानी देर तक जम जाया करता था और वे बच्चे जो उसमें अपनी कागज की कश्तियां चलाते ताली पीटते थे। और बरसात भी वह नहीं रहा।