लकड़ी की कारीगरी में लकड़ी से कार्यात्मक या सजावटी सामान बनाया जाता है। इसमें जोड़ लगाने की कला (जॉइनरी), बढ़ई की कला (कार्पेंट्री) और लकड़ी की नक्काशी (कार्विंग) शामिल है।
अगर आप देश के किसी भी कोने में चले जाएं, आपको उस स्थान से जुड़ी हुई हस्तकला ज़रूर देखने को मिलेगी। वो चाहे अखरोट की लकड़ी के बना कश्मीरी फर्नीचर हो या राजस्थानी बंधनी वस्त्र या फिर तमिलनाडु की...
मनोज ठाकुर। भरमौर जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत चंहौता के सुरिंद्र ने लकड़ी का वॉशवेशन बना कर अपनी कारीगरी का अदभुत नमूना प्रस्तुत किया है। देवदार की लकड़ी के बने इस वॉशवेशन की उम्र एक सदी की बताई जा रही है। गौरतलब है कि कबाइली क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी आम दुकानों में मिलने […]
लकड़ी से बनी सामग्री की उपयोगिता का अपना इतिहास रहा है घरेलू कामकाज से लेकर वैवाहिक कार्यक्रमों में लकड़ी से बनी सामग्री का उपयोग किया जाता है लेकिन समय का फेरबदल है कि इसे बनाने वाले कारीगर इस व्यवसाय के प्रभावित होने से चिंतित हैं और इसके लिए प्लास्टिक के बर्तन को कारण बताया जा रहा है
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 7 फरवरी। गाढ़े आली गजबन छोरी बहादुरगढ़ का बम…हरियाणवी गीत तो आपको बखूबी याद होगा। बहादुरगढ़ की छोरी ही नहीं छोरे भी कमाल के हैं। चंद्रकांत लकड़ी की कारीगरी से देश और दुनिया में प्रदेश का नाम गौरवान्वित कर रहा है। वुड कार्विंग में माहिर चंद्रकांत वर्ष 2004 में …
अगर आप देश के किसी भी कोने में चले जाएं, आपको उस स्थान से जुड़ी हुई हस्तकला ज़रूर देखने को मिलेगी। वो चाहे अखरोट की लकड़ी के बना कश्मीरी फर्नीचर हो या राजस्थानी बंधनी वस्त्र या फिर तमिलनाडु की...
मनोज ठाकुर। भरमौर जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत चंहौता के सुरिंद्र ने लकड़ी का वॉशवेशन बना कर अपनी कारीगरी का अदभुत नमूना प्रस्तुत किया है। देवदार की लकड़ी के बने इस वॉशवेशन की उम्र एक सदी की बताई जा रही है। गौरतलब है कि कबाइली क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी आम दुकानों में मिलने […]
लकड़ी से बनी सामग्री की उपयोगिता का अपना इतिहास रहा है घरेलू कामकाज से लेकर वैवाहिक कार्यक्रमों में लकड़ी से बनी सामग्री का उपयोग किया जाता है लेकिन समय का फेरबदल है कि इसे बनाने वाले कारीगर इस व्यवसाय के प्रभावित होने से चिंतित हैं और इसके लिए प्लास्टिक के बर्तन को कारण बताया जा रहा है
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 7 फरवरी। गाढ़े आली गजबन छोरी बहादुरगढ़ का बम…हरियाणवी गीत तो आपको बखूबी याद होगा। बहादुरगढ़ की छोरी ही नहीं छोरे भी कमाल के हैं। चंद्रकांत लकड़ी की कारीगरी से देश और दुनिया में प्रदेश का नाम गौरवान्वित कर रहा है। वुड कार्विंग में माहिर चंद्रकांत वर्ष 2004 में …