ये भारत में पैदा हुए निर्देशक हैं, जिन्होंने इतनी बेहतरीन फिल्में बनाई हैं कि उनका नाम सदियों तक अमर रहेगा। इनमें से कुछ पहले से ही प्रसिद्धि के शिखर पर हैं, जैसे सत्यजीत रे, हृषिकेश मुखर्जी और श्याम बेनेगल।
सिनेमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये आस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में महान भारतीय फिल्मकार सत्यजीत राय के सम्मान में एक प्रतिमा का अनावरण किया गया है।
वी. शांताराम उन गिने-चुने प्रमुख फिल्मकारों में से हैं जिन्होंने देश के सांस्कृतिक जीवन में सिनेमा को विशिष्ट स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
ऑस्कर अवॉर्ड को लेकर भारतीय फिल्मकारों और दर्शकों में जरूरत से ज्यादा उत्सुकता हर वर्ष देखी जाती है, लेकिन ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजी गई फिल्मों के कथानक पर कभी ध्यान देने की जरूरत हमने नहीं समझी।
बीजेपी के धार्मिक ध्रुवीकरण, जनता से झूठे वादे, गौरक्षा के नाम पर सांप्रदायिक दंगे और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को बढ़ावा दिए जाने का जिक्र करते हुए देश के 100 से ज्यादा फिल्मकारों ने लोगों से आगामी लोकसभा चुनाव में समझदारी से मतदान करने की अपील की है।
फरहानअख्तर निर्देशक के साथ अच्छे अभिनेता भी है फरहान अख्तर ने अपनी पहली फिल्म 'दिल चाहता है', जिसको युवाओ ने बेहद पसंद किया था, के निर्देशन के बाद लम्बा सफर तय किया है इस फिल्म दिल चाहता ने भारतीय सिनेमा को एक नयी दिशा दी थी दर्शको ने फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' में उनके प्रदशन को बेह
सिनेमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये आस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में महान भारतीय फिल्मकार सत्यजीत राय के सम्मान में एक प्रतिमा का अनावरण किया गया है।
वी. शांताराम उन गिने-चुने प्रमुख फिल्मकारों में से हैं जिन्होंने देश के सांस्कृतिक जीवन में सिनेमा को विशिष्ट स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
ऑस्कर अवॉर्ड को लेकर भारतीय फिल्मकारों और दर्शकों में जरूरत से ज्यादा उत्सुकता हर वर्ष देखी जाती है, लेकिन ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजी गई फिल्मों के कथानक पर कभी ध्यान देने की जरूरत हमने नहीं समझी।
बीजेपी के धार्मिक ध्रुवीकरण, जनता से झूठे वादे, गौरक्षा के नाम पर सांप्रदायिक दंगे और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को बढ़ावा दिए जाने का जिक्र करते हुए देश के 100 से ज्यादा फिल्मकारों ने लोगों से आगामी लोकसभा चुनाव में समझदारी से मतदान करने की अपील की है।
फरहानअख्तर निर्देशक के साथ अच्छे अभिनेता भी है फरहान अख्तर ने अपनी पहली फिल्म 'दिल चाहता है', जिसको युवाओ ने बेहद पसंद किया था, के निर्देशन के बाद लम्बा सफर तय किया है इस फिल्म दिल चाहता ने भारतीय सिनेमा को एक नयी दिशा दी थी दर्शको ने फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' में उनके प्रदशन को बेह