भारत, जीवंत संस्कृति और जातीयता की भूमि, असंख्य रंग-बिरंगे त्योहारों के उत्सव के लिए जाना जाता है। इस धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में, विभिन्न धर्मों के लोग सद्भाव से रहते हैं। सभी धर्मों के महत्वपूर्ण त्योहार समान धूमधाम और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
ईस्टर, यूनानी : Πάσχα ईसाई पूजन-वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक धार्मिक पर्व है।[1] ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, इस दिन ईसा मसीह को सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु मरे हुओं में से पुनर्जीवित हो गए थे। इस मृतोत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार[2] मानते हैं।
ईस्टर को चर्च के वर्ष का काल या ईस्टर काल या द ईस्टर सीज़न भी कहा जाता है। परंपरागत रूप से ईस्टर काल चालीस दिनों का होता है। ये ईस्टर दिवस से लेकर स्वर्गारोहण दिवस तक होता आया है लेकिन आधिकारिक तौर पर अब ये पंचाशती तक पचास दिनों का होता है।
क्रिसमस शब्द का जन्म क्राईस्टेस माइसे अथवा ‘क्राइस्टस् मास’ शब्द से हुआ है। ऐसा अनुमान है कि पहला क्रिसमस रोम में 336 ई. में मनाया गया था। यह प्रभु के पुत्र जीसस क्राइस्ट के जन्म दिन को याद करने के लिए पूरे विश्व में 25 दिसम्बर को मनाया जाता है यह ईसाइयों के सबसे महत्वप
ईस्टर संडे (अंग्रेज़ी: Easter Sunday) ईसाइयों का महत्त्वपूर्ण धार्मिक पर्व है। ईसाई धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार 'गुड फ़्राइडे' को सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन ईसा मसीह (यीशु) पुनर्जीवित हो गए थे।
ईस्टर, यूनानी : Πάσχα ईसाई पूजन-वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक धार्मिक पर्व है।[1] ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, इस दिन ईसा मसीह को सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु मरे हुओं में से पुनर्जीवित हो गए थे। इस मृतोत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार[2] मानते हैं।
ईस्टर को चर्च के वर्ष का काल या ईस्टर काल या द ईस्टर सीज़न भी कहा जाता है। परंपरागत रूप से ईस्टर काल चालीस दिनों का होता है। ये ईस्टर दिवस से लेकर स्वर्गारोहण दिवस तक होता आया है लेकिन आधिकारिक तौर पर अब ये पंचाशती तक पचास दिनों का होता है।
क्रिसमस शब्द का जन्म क्राईस्टेस माइसे अथवा ‘क्राइस्टस् मास’ शब्द से हुआ है। ऐसा अनुमान है कि पहला क्रिसमस रोम में 336 ई. में मनाया गया था। यह प्रभु के पुत्र जीसस क्राइस्ट के जन्म दिन को याद करने के लिए पूरे विश्व में 25 दिसम्बर को मनाया जाता है यह ईसाइयों के सबसे महत्वप
ईस्टर संडे (अंग्रेज़ी: Easter Sunday) ईसाइयों का महत्त्वपूर्ण धार्मिक पर्व है। ईसाई धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार 'गुड फ़्राइडे' को सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन ईसा मसीह (यीशु) पुनर्जीवित हो गए थे।