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इतनी सारी खूबियों वाला है संक्रान्ति, आंध्र व तेलंगाना
संक्रांति त्यौहार आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोगों का बहुत बड़ा उत्सव है। संक्रांति मेल-मिलाप का उत्सव भी कहा जाता है। शहरीकरण के कारण गांवों के अधिक लोग शहरों में जा बसे हैं। ऐसे में यह उत्सव लोगों को एक साथ रहने का मौका देता है। इतना ही नहीं, हमारे पूर्वजों ने लगभग सभी त्यौहारों को मेल-मिलाप के लिए बनाया है। संक्रांति त्यौहार की विधि-विधान अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हैं।
https://hindi.sakshi.com/andhrapradesh/2020/01/10/importnace-of-sankranti-festival-in-ap-and-telangana
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ऐसे मनाते हैं तेलंगाना और एपी में उगादी का पर्व, ये हैं खास मान्यताएं
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चैत्र माह के प्रथम अर्ध चन्द्रमा के दिन उगादी महोत्सव को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन प्रतिवर्ष मार्च से अप्रैल महीने के बीच आता है। उगादी को युगादि भी कहा जाता है।
https://hindi.sakshi.com/andhrapradesh/2019/04/05/ugadi-festival-in-telangana-and-andhra-pradesh
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आन्ध्र प्रदेश के त्यौहार,आन्ध्रा के त्यौहार सूची
आंन्ध्र प्रदेश में मुख्य रुप से पोंगल का त्योहार मनाया जाता है जो फसलों की कटाई का प्रतीक है। आन्ध्र प्रदेश के अन्य लोकप्रिय त्यौहार है शिवरात्रि, उगादी, गणेश चतुर्थी, दीवाली, दक्कन उत्सव, लुंबिनी उत्सव और रायलसीमा खाद्य और नृत्य महोत्सव मुख्य है।
https://www.festivalsofindia.in/states/आन्ध्र-प्रदेश-के-त्यौहार
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2020 भोगी त्यौहार आंध्र प्रदेश
भोगी त्यौहार या भोगी (Bogi), यह दिन पोंगल त्यौहार का प्रथम दिन होता है और यह दिन इंद्र देव (Lord Indra) के सम्मान और पूजा के लिए होता है। इंद्र देव को बादलों और वर्षा का देवता माना जाता है। इस दिन इंद्र देव की पूजा फसल की प्रचुरता या अधिक फसल पाने के लिए किया जाता है।
https://www.1hindi.com/essay-on-bhogi-festival-in-hindi-भोगी-त्यौहार/
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तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में उल्लास के साथ मनाया गया भोगी त्यौहार
हैदराबाद/विजयवाड़ाः तेलुगू राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के शहरों, गांवों में रविवार को भोगी उल्लास के साथ मनाया गया, जो संक्रांति का पहला दिन है। फसलों का यह तीन दिवसीय त्योहार दोनों राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। लोगों ने सड़कों पर अलाव या भोगी जलाकर उसमें अनाज और घर के पुराने सामानों को जलाकर इस त्योहार की शुरुआत की। लोग सड़क किनारे इकट्ठा हो गए और आग जलाया, जिसमें पुराने कपड़ों, दरी, झाड़ू आदि जला दिए। पुरुषों और महिलाओं ने भोगी के पास जाकर प्रार्थना किया, गीत गाया और नृत्य किया। युवाओं को आग के सामने सेल्फी लेते देखा गया। त्योहार मनाने के लिए हैदराबाद या अन्य शहरों में काम करने वाले लोग बड़ी तादाद में अपने गांवों में लौटे।
https://www.fresherslive.com/current-affairs-hindi/articles/flamingo-festival-in-andhra-pradesh-17711
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फ्लेमिंगो त्यौहार किस प्रदेश में मनाया जाता है?
फ्लेमिंगो त्यौहार किस प्रदेश में मनाया जाता है?
https://hindi.gktoday.in/question/फ्लेमिंगो-त्यौहार-किस-प्
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आंध्र प्रदेश के इस गांव में मनाया जाता है अजीब त्योहार
आंध्र प्रदेश और ओडिशा की सीमा पर स्थित हनुमल गांव भी अनोखा है. इस गांव का त्योहार अन्य त्योहारों से पूरी तरह से अलग है. इस त्योहार को यहां का जनजातीय समुदाय तीन वर्ष में एक बार मनाता है. इसमें लोग केकड़े और कद्दू के साथ खेलते हैं. उत्सव से पहले लोग पास की नहर से केकड़े को पकड़ घर
https://www.etvbharat.com/hindi/delhi/videos/bharat/festival-of-crabs-and-pumpkins-in-andhra-pradesh/na20191231235604163
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आंध्र प्रदेश में फ्लेमिंगो का त्योहार
बर्डवॉचर्स के लिए “एक दृश्य” समारोह शुरू हुवा । द फ्लेमिंगो फेस्टिवल, पुलिकट लेक और नेल्लपट्टू के सुल्लुरपेट मंडल, आंध्र प्रदेश में हुआ| फ्लेमिंगो फेस्टिवल क्षेत्र की 12 साल लंबी परंपरा है। इस फेस्ट का मुख्य आकर्षण साइबेरिया के रंगीन प्रवासी पक्षियों
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