हमारी राष्ट्र भाषा हिंदी भारत में भले ही उपेक्षित हो, लेकिन इस जबान का जादू पूरी दुनिया के लगभग हर भाषा के विद्वानों और साहित्यकारों के सिर चढ कर बोलता है।
हिंदी भाषा भारतीय जनता के विचारों का माध्यम है, अपने आप को अभिव्यक्त करने की शैली है और इसी नींव पर टिकी है भारतीय संस्कृति. बाल गँगाधर तिलक का कथन इसी सत्य को दिशा दे रहा है "देश की अखंडता-आज़ादी के लिए हिंदी भाषा एक पुल है".I
भारतीय साहित्य से तात्पर्य सन् १९४७ के पहले तक भारतीय उपमहाद्वीप एवं तत्पश्चात् भारत गणराज्य में निर्मित वाचिक और लिखित साहित्य से है। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य आदिवासी भाषाओं में मिलता है।
किसी भाषा में कही या लिखी गयी बात का किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन अनुवाद (Translation) कहलाता है। अनुवाद का कार्य बहुत पुराने समय से होता आया है।
हर किसी के लिए हर भाषा सीखना संभव नहीं है। ऐसे में अनुवाद के माध्यम से दो देश एक दूसरे की सभ्यता-संस्कृति से परिचित होते हैं। और एक दूसरे देश की संस्कृति का आदान-प्रदान भी होता है।
भारत के विशाल बाजार के कारण हिन्दी अब विदेशी लोगों के रोजगार की भी भाषा बन रही है और कई देशों में व्यापार प्रबंधन और मार्केटिंग से जुड़े लोग इसे सीख रहे हैं. I
हमारी राष्ट्र भाषा हिंदी भारत में भले ही उपेक्षित हो, लेकिन इस जबान का जादू पूरी दुनिया के लगभग हर भाषा के विद्वानों और साहित्यकारों के सिर चढ कर बोलता है।
हिंदी भाषा भारतीय जनता के विचारों का माध्यम है, अपने आप को अभिव्यक्त करने की शैली है और इसी नींव पर टिकी है भारतीय संस्कृति. बाल गँगाधर तिलक का कथन इसी सत्य को दिशा दे रहा है "देश की अखंडता-आज़ादी के लिए हिंदी भाषा एक पुल है".I
भारतीय साहित्य से तात्पर्य सन् १९४७ के पहले तक भारतीय उपमहाद्वीप एवं तत्पश्चात् भारत गणराज्य में निर्मित वाचिक और लिखित साहित्य से है। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य आदिवासी भाषाओं में मिलता है।
किसी भाषा में कही या लिखी गयी बात का किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन अनुवाद (Translation) कहलाता है। अनुवाद का कार्य बहुत पुराने समय से होता आया है।
हर किसी के लिए हर भाषा सीखना संभव नहीं है। ऐसे में अनुवाद के माध्यम से दो देश एक दूसरे की सभ्यता-संस्कृति से परिचित होते हैं। और एक दूसरे देश की संस्कृति का आदान-प्रदान भी होता है।
भारत के विशाल बाजार के कारण हिन्दी अब विदेशी लोगों के रोजगार की भी भाषा बन रही है और कई देशों में व्यापार प्रबंधन और मार्केटिंग से जुड़े लोग इसे सीख रहे हैं. I