हिन्दी कविता की परम्परा बहुत लम्बी है। शिव सिंह सेंगर ने हिन्दी साहित्य के आदि काल के प्रथम कवि के रूप में 'पुष्य' या 'पुण्ड' का नाम प्रस्तावित किया है। कुछ विद्बान सरहपाद को हिन्दी का पहला कवि मानते हैं।
हमारे भारत देश में कई ऐसे कवियों ने जन्म लिया है, जिन्होंने लोगों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। इन्होंने अपनी कविताओं से लोगों को कुछ अलग तरह से सोचने पर मजबूर किया है। कविता इस देश की सबसे महान शैलियों में से एक है। भारतीय साहित्य का इतिहास भी 6वीं शताब्दी में ... अधिक पढ़ें
इस देश में ऐसे बहुत से कवी जन्मे हैं जिन्होंने अपनी कविताओं से लोगों को सोचने पर मजबूर किया है. Iयह सूची उन 10 कवियों की है जिनकी कविताएँ समय की बाधा को तोड़कर इस पीढ़ी और आगे आनेवाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी. I
यूं तो हिंदी साहित्य में कविता लिखने वाले अनगिनत सितारे रहे हैं जिनकी कलम ने हर दौर में हिंदी को एक से बढ़कर एक बेहतरीन रचनाएं दी। कविता हिंदी साहित्य की वो विधा है जो खूबसूरत से खूबसूरत विचार को कम शब्दों में कहना जानती है।
हिन्दी प्रेमी पूरी दुनिया में हिन्दी कवि सम्मेलन आयोजित करवाते हैं। विश्व का कोई भी भाग आज कवि सम्मेलनों से अछूता नहीं है। भारत में वर्ष भर कवि सम्मेलन आयोजित होते रहते हैं।
हिन्दी कविता की परम्परा बहुत लम्बी है। शिव सिंह सेंगर ने हिन्दी साहित्य के आदि काल के प्रथम कवि के रूप में 'पुष्य' या 'पुण्ड' का नाम प्रस्तावित किया है। कुछ विद्बान सरहपाद को हिन्दी का पहला कवि मानते हैं।
हमारे भारत देश में कई ऐसे कवियों ने जन्म लिया है, जिन्होंने लोगों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। इन्होंने अपनी कविताओं से लोगों को कुछ अलग तरह से सोचने पर मजबूर किया है। कविता इस देश की सबसे महान शैलियों में से एक है। भारतीय साहित्य का इतिहास भी 6वीं शताब्दी में ... अधिक पढ़ें
इस देश में ऐसे बहुत से कवी जन्मे हैं जिन्होंने अपनी कविताओं से लोगों को सोचने पर मजबूर किया है. Iयह सूची उन 10 कवियों की है जिनकी कविताएँ समय की बाधा को तोड़कर इस पीढ़ी और आगे आनेवाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी. I
यूं तो हिंदी साहित्य में कविता लिखने वाले अनगिनत सितारे रहे हैं जिनकी कलम ने हर दौर में हिंदी को एक से बढ़कर एक बेहतरीन रचनाएं दी। कविता हिंदी साहित्य की वो विधा है जो खूबसूरत से खूबसूरत विचार को कम शब्दों में कहना जानती है।
हिन्दी प्रेमी पूरी दुनिया में हिन्दी कवि सम्मेलन आयोजित करवाते हैं। विश्व का कोई भी भाग आज कवि सम्मेलनों से अछूता नहीं है। भारत में वर्ष भर कवि सम्मेलन आयोजित होते रहते हैं।