साहित्यिक आलोचना

लिखित कार्यों में छिपे अर्थ, विषय, प्रतीक और उद्देश्य को समझने की कला। साहित्यिक आलोचना विद्वानों के कार्य-सम्बंधी लेखों से लेकर व्यावसायिक समीक्षाओं तक होती है।