1906 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित यह तीन मंजिला जेल, स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक तीर्थ स्थल है। इस विशाल इमारत ने अभियुक्तों, जो कि मुख्यhत: स्वनतंत्रता सेनानी थे पर अमानवीय नृशंस अत्याचारों के मुक गवाह है । अब राष्ट्र को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में समर्पित किया गया है I
यह जेल अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में बनी हुई है। यह अंग्रेजों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को कैद रखने के लिए बनाई गई थी, जो कि मुख्य भारत भूमि से हजारों किलोमीटर दूर स्थित थी, व सागर से भी हजार किलोमीटर दुर्गम मार्ग पड़ता था।
अंडमान-निकोबार स्थित सेल्युलर जेल या 'काला-पानी' का नाम तो आपने सुना होगा लेकिन क्या कभी आपको इसे देखने का मौक़ा मिला. देखिए जेल के भीतर की कुछ तस्वीरें. I
स्वतंत्रता संग्राम में आजादी के मतवालों की तीर्थस्थली और काला पानी के नाम से मशहूर अंडमान के सेलुलर जेल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एसआई) द्वारा अपने नियंत्रण में अभी तक नहीं लिए जाने पर संसद की एक समिति ने सवाल उठाया है. I
किसी जमाने में भयावह स्थान रही यह सेलुलर जेल, अब एक राष्ट्रीय स्मारक बन चुकी है, जो बलिदान का मूर्त रूप है, एक ऐसा स्थान है, जो हमें याद दिलाता है I
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में 2004 में आई सुनामी में मारे गए लोगों को कार निकोबार स्थित स्मारक में पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी…I
1906 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित यह तीन मंजिला जेल, स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक तीर्थ स्थल है। इस विशाल इमारत ने अभियुक्तों, जो कि मुख्यhत: स्वनतंत्रता सेनानी थे पर अमानवीय नृशंस अत्याचारों के मुक गवाह है । अब राष्ट्र को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में समर्पित किया गया है I
यह जेल अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में बनी हुई है। यह अंग्रेजों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को कैद रखने के लिए बनाई गई थी, जो कि मुख्य भारत भूमि से हजारों किलोमीटर दूर स्थित थी, व सागर से भी हजार किलोमीटर दुर्गम मार्ग पड़ता था।
अंडमान-निकोबार स्थित सेल्युलर जेल या 'काला-पानी' का नाम तो आपने सुना होगा लेकिन क्या कभी आपको इसे देखने का मौक़ा मिला. देखिए जेल के भीतर की कुछ तस्वीरें. I
स्वतंत्रता संग्राम में आजादी के मतवालों की तीर्थस्थली और काला पानी के नाम से मशहूर अंडमान के सेलुलर जेल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एसआई) द्वारा अपने नियंत्रण में अभी तक नहीं लिए जाने पर संसद की एक समिति ने सवाल उठाया है. I
किसी जमाने में भयावह स्थान रही यह सेलुलर जेल, अब एक राष्ट्रीय स्मारक बन चुकी है, जो बलिदान का मूर्त रूप है, एक ऐसा स्थान है, जो हमें याद दिलाता है I
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में 2004 में आई सुनामी में मारे गए लोगों को कार निकोबार स्थित स्मारक में पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी…I