कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से ८ किलोमीटर दूर कामाख्या में है। कामाख्या से भी १० किलोमीटर दूर नीलाचल पव॑त पर स्थित है। यह मंदिर शक्ति की देवी सती का मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना है [3] व इसका महत् तांत्रिक महत्व है।
उचित देखरेख के अभाव में प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर समेत असम के कई पुराने मंदिरों का ढाँचा कमजोर हो रहा है। आस्था और अंधविश्वास के आगे इन मंदिरों का पुरातात्विक महत्व लुप्त होता जा रहा है।
असम राइफल्स ने नगालैंड में सेना और असम राइफल्स के 357 शहीदों के लिए एक संयुक्त युद्ध स्मारक का निर्माण किया है। ये जवान पूर्वोत्तर राज्य में उग्रवाद से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
दिखो नदी के किनारे पर, लगभग 380 कि.मी. गुवाहाटी के पूर्व में और जोरहाट के 60 कि.मी. पूर्व में एक छोटा पर अनोखा नगर, शिवसागर बसा हुआ है। इसे सिबसागर के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन अब इसका नाम बदलकर शिवसागर रखा गया है।
अगर आप समर वेकेशन में असम जाने का प्लान बना रहे तो यह आपके लिए बेहद खुशनुमा वेकेशन होगा। पूर्वोत्तर भारत के हरे-भरे आंचल में बसे असम राज्य का सौंदर्य देखते ही बनता है। राज्य में हर तरफ हरियाली, चाय के बागान और ब्रह्मपुत्र नदी अपने आप में पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण है। […]
कामाख्या मंदिर तंत्र विद्या और सिद्धि का केंद्र सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है और यह मंदिर कुछ रोचक तथ्याें से भी जुड़ा हुआ है. यहां पर मां दुर्गा के महामाया रूप की पूजा अर्चना की जाती है.
विशाल ब्रह्मपुत्र के पीकाक टापू पर स्थित उमानंद मंदिर अपनी वास्तुश्ल्पिीय विशेषता के लिए जाना जाता है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण अहोम राजा गदाधर सिंह के शासन काल में बार पुकान गढ़गन्य हंदीक्यू ने किया था।
कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से ८ किलोमीटर दूर कामाख्या में है। कामाख्या से भी १० किलोमीटर दूर नीलाचल पव॑त पर स्थित है। यह मंदिर शक्ति की देवी सती का मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना है [3] व इसका महत् तांत्रिक महत्व है।
उचित देखरेख के अभाव में प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर समेत असम के कई पुराने मंदिरों का ढाँचा कमजोर हो रहा है। आस्था और अंधविश्वास के आगे इन मंदिरों का पुरातात्विक महत्व लुप्त होता जा रहा है।
असम राइफल्स ने नगालैंड में सेना और असम राइफल्स के 357 शहीदों के लिए एक संयुक्त युद्ध स्मारक का निर्माण किया है। ये जवान पूर्वोत्तर राज्य में उग्रवाद से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। असम राइफल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
दिखो नदी के किनारे पर, लगभग 380 कि.मी. गुवाहाटी के पूर्व में और जोरहाट के 60 कि.मी. पूर्व में एक छोटा पर अनोखा नगर, शिवसागर बसा हुआ है। इसे सिबसागर के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन अब इसका नाम बदलकर शिवसागर रखा गया है।
अगर आप समर वेकेशन में असम जाने का प्लान बना रहे तो यह आपके लिए बेहद खुशनुमा वेकेशन होगा। पूर्वोत्तर भारत के हरे-भरे आंचल में बसे असम राज्य का सौंदर्य देखते ही बनता है। राज्य में हर तरफ हरियाली, चाय के बागान और ब्रह्मपुत्र नदी अपने आप में पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण है। […]
कामाख्या मंदिर तंत्र विद्या और सिद्धि का केंद्र सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है और यह मंदिर कुछ रोचक तथ्याें से भी जुड़ा हुआ है. यहां पर मां दुर्गा के महामाया रूप की पूजा अर्चना की जाती है.
विशाल ब्रह्मपुत्र के पीकाक टापू पर स्थित उमानंद मंदिर अपनी वास्तुश्ल्पिीय विशेषता के लिए जाना जाता है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण अहोम राजा गदाधर सिंह के शासन काल में बार पुकान गढ़गन्य हंदीक्यू ने किया था।