सांस्कृतिक दृष्टि से भारत के अन्य राज्यों से कुछ भिन्न है। भाषा की दृष्टि से यह क्षेत्र तिब्बती-बर्मी भाषाओँ के अधिक प्रचलन के कारण अलग से पहचाना जाता है। इस क्षेत्र में वह दृढ़ जातीय संस्कृति व्याप्त है जो संस्कृतीकरण के प्रभाव से बची रह गई थी।
भारत के उत्तर-पूर्व में सात राज्य हैं। इन्हें 'सात-बहनें' या 'सेवन-सिस्टर्स' के नाम से भी जाना जाता है। इन राज्यों में 255,511 वर्ग किलोमीटर (98,653 वर्ग मील), या भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग सात प्रतिशत के एक क्षेत्र को कवर किया हुआ है।
पूर्वोत्तर के राज्यों में पर्यटन के लिए सब से अच्छी बात यह है कि एक बार टूर पर निकल कर पूरे पूर्वोत्तर की सैर की जा सकती है. पूर्वोत्तर में असम सहित 7 राज्य हैं और ये 7 बहनों के रूप में जाने जाते हैं. I
असम आध्यात्म, गगनचुंबी नीले पर्वतों, इठलाती नदियों की घाटियों से सजी असम की हरी भरी धरती भारत के पूर्वोत्तर हिस्से का प्रवेश द्वार है। उत्तर भारत के पर्यटकों के लिए यह एक लोकप्रिय पड़ाव है। असम में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले कई स्थान हैं।
मेघालय अपने प्राकृतिक सौंदर्य, घने देवदार से भरी पहाड़ियों, झरने, गुफाओं और बादलों के स्वछंद विचरण के लिए जाना जाता है। भरी गरमी में भी शिलांग का सर्द मौसम नई ताजगी पैदा कर देता है।
कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से ८ किलोमीटर दूर कामाख्या में है। कामाख्या से भी १० किलोमीटर दूर नीलाचल पव॑त पर स्थित है। यह मंदिर शक्ति की देवी सती का मंदिर है।
मदन कामदेव भारत के असम राज्य के कामरूप ज़िले में स्थित एक पुरातत्व स्थल है। इसका निर्माण 9वीं और 10वीं शताब्दी ईसवी में कामरूप के पाल राजवंश द्वारा करा गया था।
क्या आप पूर्वोत्तर भारत के इन प्रसिद्ध पौराणिक स्थानों के बारे में जानते हैं? इस खास लेख के माध्यम से जानिए नॉर्थ ईस्ट के उन खास मंदिरों के बारे में जिनसे जुड़ी हैं ढेर सारी दिलचस्प मान्यताएं। ये मंदिर काफी साल पुराने बताए जाते हैं।
सांस्कृतिक दृष्टि से भारत के अन्य राज्यों से कुछ भिन्न है। भाषा की दृष्टि से यह क्षेत्र तिब्बती-बर्मी भाषाओँ के अधिक प्रचलन के कारण अलग से पहचाना जाता है। इस क्षेत्र में वह दृढ़ जातीय संस्कृति व्याप्त है जो संस्कृतीकरण के प्रभाव से बची रह गई थी।
भारत के उत्तर-पूर्व में सात राज्य हैं। इन्हें 'सात-बहनें' या 'सेवन-सिस्टर्स' के नाम से भी जाना जाता है। इन राज्यों में 255,511 वर्ग किलोमीटर (98,653 वर्ग मील), या भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग सात प्रतिशत के एक क्षेत्र को कवर किया हुआ है।
पूर्वोत्तर के राज्यों में पर्यटन के लिए सब से अच्छी बात यह है कि एक बार टूर पर निकल कर पूरे पूर्वोत्तर की सैर की जा सकती है. पूर्वोत्तर में असम सहित 7 राज्य हैं और ये 7 बहनों के रूप में जाने जाते हैं. I
असम आध्यात्म, गगनचुंबी नीले पर्वतों, इठलाती नदियों की घाटियों से सजी असम की हरी भरी धरती भारत के पूर्वोत्तर हिस्से का प्रवेश द्वार है। उत्तर भारत के पर्यटकों के लिए यह एक लोकप्रिय पड़ाव है। असम में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले कई स्थान हैं।
मेघालय अपने प्राकृतिक सौंदर्य, घने देवदार से भरी पहाड़ियों, झरने, गुफाओं और बादलों के स्वछंद विचरण के लिए जाना जाता है। भरी गरमी में भी शिलांग का सर्द मौसम नई ताजगी पैदा कर देता है।
कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से ८ किलोमीटर दूर कामाख्या में है। कामाख्या से भी १० किलोमीटर दूर नीलाचल पव॑त पर स्थित है। यह मंदिर शक्ति की देवी सती का मंदिर है।
मदन कामदेव भारत के असम राज्य के कामरूप ज़िले में स्थित एक पुरातत्व स्थल है। इसका निर्माण 9वीं और 10वीं शताब्दी ईसवी में कामरूप के पाल राजवंश द्वारा करा गया था।
क्या आप पूर्वोत्तर भारत के इन प्रसिद्ध पौराणिक स्थानों के बारे में जानते हैं? इस खास लेख के माध्यम से जानिए नॉर्थ ईस्ट के उन खास मंदिरों के बारे में जिनसे जुड़ी हैं ढेर सारी दिलचस्प मान्यताएं। ये मंदिर काफी साल पुराने बताए जाते हैं।