ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना।
सारनाथ, काशी अथवा वाराणसी के १० किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल है। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं दिया था जिसे "धर्म चक्र प्रवर्तन" का नाम दिया जाता है और जो बौद्ध मत के प्रचार-प्रसार का आरंभ था।
अगर आप कलिंजर किले के इतिहास के बारे में जानते है तो ये अच्छी बात है . अगर आप कलिंजर किले के इतिहास के बारें में नहीं जानते हैं तो आज कलिंजर किले के इतिहास के बारे अनेक महत्वपूर्ण जानकारी देंगे .....I
उत्तर प्रदेश भारत के हृदयस्थल में संस्कृतियों के मिलन और आस्था के संगम के अनोखे दृश्यों को समेटे एक अनूठा प्रदेश है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश में पूरे उप-महाद्वीप की दो महान प्राचीन नदियों गंगा और यमुना के किनारे संस्कृतियों और धार्मिक रीतियों का उद्गम हुआ।
विक्टोरिया मेमोरियल (विक्टोरिया स्मारक) कोलकाता में स्थित एक स्मारक है। 1906-1921 के बीच निर्मित यह स्मारक रानी विक्टोरिया को समर्पित है। इस स्मारक में शिल्पकला का सुंदर मिश्रण है। इसके मुगल शैली के गुंबदों में सारसेनिक और पुनर्जागरण काल की शैलियां दिखाई पड़ती हैं।
फतेहपुर सीकरी एक नगर है जो कि मुगल सम्राट मो.जलालुद्दीन अकबर ने सन् 1569 में बसाया था आगरा जिला का एक नगरपालिका बोर्ड है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है,।
पंच महल मुगल सम्राट अकबर द्वारा निर्मित एक महल है। यह फतेहपुर सीकरी में स्थित है। इस चार मंजिले महल की वास्तुकला किसी बौद्ध मन्दिर से प्रेरित प्रतीत होती है।
गया, [बिहार] और झारखंड की सीमा और फल्गु नदी के तट पर बसा भारत के बिहार राज्य का दूसरा सबसे बडा शहर है ।[1] वैदिक कीकट प्रदेश के धर्मारण्य क्षेत्र मे स्थापित नगरी है गया। वाराणसी की तरह गया की प्रसिद्धि मुख्य रूप से एक धार्मिक नगरी के रूप में है।
सांची रायसेन जिले की एक नगर पंचायत है। रायसेन जिले में एक अन्य विश्व दाय स्थल, भीमबेटका भी है। विदिशा से नजदीक होने के कारण लोगों में यह भ्रम होता है की यह विदिशा जिला में है। यहाँ छोटे-बड़े अनेकों स्तूप हैं, जिनमें स्तूप संख्या २ सबसे बड़ा है।
साँची स्तूप भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल से 46 कि.मी. की दूरी पर उत्तर-पूर्व में स्थित है। जो रायसेन जिले के साँची शहर में बेतबा नदी के किनारे पर स्थित है। यह स्थल अपनी आकर्षित कला कृतियों के लिए विश्व विख्यात है।
ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इसकी वास्तु शैली फ़ारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है। सन् १९८३ में, ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना।
सारनाथ, काशी अथवा वाराणसी के १० किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल है। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं दिया था जिसे "धर्म चक्र प्रवर्तन" का नाम दिया जाता है और जो बौद्ध मत के प्रचार-प्रसार का आरंभ था।
अगर आप कलिंजर किले के इतिहास के बारे में जानते है तो ये अच्छी बात है . अगर आप कलिंजर किले के इतिहास के बारें में नहीं जानते हैं तो आज कलिंजर किले के इतिहास के बारे अनेक महत्वपूर्ण जानकारी देंगे .....I
उत्तर प्रदेश भारत के हृदयस्थल में संस्कृतियों के मिलन और आस्था के संगम के अनोखे दृश्यों को समेटे एक अनूठा प्रदेश है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश में पूरे उप-महाद्वीप की दो महान प्राचीन नदियों गंगा और यमुना के किनारे संस्कृतियों और धार्मिक रीतियों का उद्गम हुआ।
विक्टोरिया मेमोरियल (विक्टोरिया स्मारक) कोलकाता में स्थित एक स्मारक है। 1906-1921 के बीच निर्मित यह स्मारक रानी विक्टोरिया को समर्पित है। इस स्मारक में शिल्पकला का सुंदर मिश्रण है। इसके मुगल शैली के गुंबदों में सारसेनिक और पुनर्जागरण काल की शैलियां दिखाई पड़ती हैं।
फतेहपुर सीकरी एक नगर है जो कि मुगल सम्राट मो.जलालुद्दीन अकबर ने सन् 1569 में बसाया था आगरा जिला का एक नगरपालिका बोर्ड है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है,।
पंच महल मुगल सम्राट अकबर द्वारा निर्मित एक महल है। यह फतेहपुर सीकरी में स्थित है। इस चार मंजिले महल की वास्तुकला किसी बौद्ध मन्दिर से प्रेरित प्रतीत होती है।
गया, [बिहार] और झारखंड की सीमा और फल्गु नदी के तट पर बसा भारत के बिहार राज्य का दूसरा सबसे बडा शहर है ।[1] वैदिक कीकट प्रदेश के धर्मारण्य क्षेत्र मे स्थापित नगरी है गया। वाराणसी की तरह गया की प्रसिद्धि मुख्य रूप से एक धार्मिक नगरी के रूप में है।
सांची रायसेन जिले की एक नगर पंचायत है। रायसेन जिले में एक अन्य विश्व दाय स्थल, भीमबेटका भी है। विदिशा से नजदीक होने के कारण लोगों में यह भ्रम होता है की यह विदिशा जिला में है। यहाँ छोटे-बड़े अनेकों स्तूप हैं, जिनमें स्तूप संख्या २ सबसे बड़ा है।
साँची स्तूप भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल से 46 कि.मी. की दूरी पर उत्तर-पूर्व में स्थित है। जो रायसेन जिले के साँची शहर में बेतबा नदी के किनारे पर स्थित है। यह स्थल अपनी आकर्षित कला कृतियों के लिए विश्व विख्यात है।