रासलीला को ब्रज रासलीला के रूप में भी जाना जाता है, जिसकी उत्पत्ति उत्तर प्रदेश के आगरा में ब्रज क्षेत्र से हुई है। यह एक नाट्य रूप है जो अब भारत के कई राज्यों में किया जाता है। यह प्रदर्शन भगवान कृष्ण के जीवन के इर्द-गिर्द घूमता है।
लोकनृत्य में उत्तर प्रदेश के प्रत्येक अंचल की अपनी विशिष्ट पहचान है। समृद्ध विरासत की विविधता को संजोये हुए ये आंगिक कलारूप लोक संस्कृति के प्रमुख वाहक हैं।
उत्तराखंड कुमाऊँ क्षेत्र में विशेष रूप से अल्मोड़ा क्षेत्र के छोलिया नृतकों को अपने मधुर संगीत ऐव नृत्य के लिए जाना जाता है,अन्य क्षेत्र की अपेक्षा यहाँ के छ...
बुंदेलखण्ड के अहीरों द्वारा अनेकानेक दीपकों को प्रज्ज्वलित कर किसी घड़े, कलश अथवा थाल में रखकर प्रज्ज्वलित दीपकों को सिर पर रखकर दीप नृत्य किया जाता है।
ब्रज की लट्ठमार होली की तरह बुंदेलखण्ड विशेषकर चित्रकूट में दीपावली के दिन ढोल-नगाड़े की तान पर आकर्षक वेशभूषा के साथ मोरपंखधारी लठैत एक दूसरे पर ताबड़तोड़ वार करते हुए मोरपंख व दीवारी नृ्त्य व खेल का प्रदर्शन करते हैं।
लोकनृत्य में उत्तर प्रदेश के प्रत्येक अंचल की अपनी विशिष्ट पहचान है। समृद्ध विरासत की विविधता को संजोये हुए ये आंगिक कलारूप लोक संस्कृति के प्रमुख वाहक हैं।
उत्तराखंड कुमाऊँ क्षेत्र में विशेष रूप से अल्मोड़ा क्षेत्र के छोलिया नृतकों को अपने मधुर संगीत ऐव नृत्य के लिए जाना जाता है,अन्य क्षेत्र की अपेक्षा यहाँ के छ...
बुंदेलखण्ड के अहीरों द्वारा अनेकानेक दीपकों को प्रज्ज्वलित कर किसी घड़े, कलश अथवा थाल में रखकर प्रज्ज्वलित दीपकों को सिर पर रखकर दीप नृत्य किया जाता है।
ब्रज की लट्ठमार होली की तरह बुंदेलखण्ड विशेषकर चित्रकूट में दीपावली के दिन ढोल-नगाड़े की तान पर आकर्षक वेशभूषा के साथ मोरपंखधारी लठैत एक दूसरे पर ताबड़तोड़ वार करते हुए मोरपंख व दीवारी नृ्त्य व खेल का प्रदर्शन करते हैं।