परिप्रेक्ष्य दो-आयामी सतह पर तीन-आयामी चित्र बनाने की कला है। जब सही ढंग से किया जाता है, तो ऊंचाई, चौड़ाई, गहराई और स्थिति का आभास स्पष्ट रूप से होता है।
परिप्रेक्ष्य, दृष्टि और दृश्य बोध के संदर्भ में, वो तरीका हैं जिसमें वस्तुएँ उनके आयामों, या दिक् विशेषताओं और वस्तुओं के सापेक्ष आँख की स्थिति के कारण आंखों को दिखाई देते हैं।
परिप्रेक्ष्य, दृष्टि और दृश्य बोध के संदर्भ में, वो तरीका हैं जिसमें वस्तुएँ उनके आयामों, या दिक् विशेषताओं और वस्तुओं के सापेक्ष आँख की स्थिति के कारण आंखों को दिखाई देते हैं।