भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा भारतीय उद्योग जगत की उस मांग पर सहमति जताए जाने की संभावना नहीं दिख रही है जिसमें उद्योग जगत ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए वित्तीय नतीजों की घोषणा से बचने की मांग की है।
फिने तथा मिलर के शब्दों में “वित्तीय विश्लेषण में निश्चित योजनाओं के आधार पर तथ्यों को विभाजित करने, परिस्थितियों के अनुसार, उसकी वर्ग रचना तथा सुविधाजनक सरल पठनीय एवं समझने लायक रूप में उन्हें प्रयुक्त करने ..
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा भारतीय उद्योग जगत की उस मांग पर सहमति जताए जाने की संभावना नहीं दिख रही है जिसमें उद्योग जगत ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए वित्तीय नतीजों की घोषणा से बचने की मांग की है।
फिने तथा मिलर के शब्दों में “वित्तीय विश्लेषण में निश्चित योजनाओं के आधार पर तथ्यों को विभाजित करने, परिस्थितियों के अनुसार, उसकी वर्ग रचना तथा सुविधाजनक सरल पठनीय एवं समझने लायक रूप में उन्हें प्रयुक्त करने ..