स्वास्थ्य सेवा या हेल्थकेयर का अर्थ बीमारी की रोकथाम और उपचार करना है। स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा, दन्त चिकित्सा, नर्सिंग और स्वास्थ्य से सम्बंधित पेशेवरों द्वारा प्रदान की जाती है। स्वास्थय सेवा तक पहुँच देशों, समूहों और व्यक्तियों के अनुसार बदलती रहती है।
गौरतलब है कि हमारे संविधान में इस बात का प्रावधान होते हुए भी कि नागरिकों को स्वास्थ्य व शिक्षा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है, हम एक राष्ट्र के रूप में इस लक्ष्य की प्राप्ति में असफल रहे हैं।
स्वास्थ्य का तात्पर्य रोगों से मुक्ति मात्र नहीं, निरोगी काया की रचना करना है। ऐलोपैथी हालांकि तुरंत परिणाम का दावा करती है, पर वह रोगों की जड़ समाप्ति की बात नहीं करती। भारत जैसे विशाल देश में, जहां लगभग सत्तर प्रतिशत जनसंख्या आज भी गांवों में रहती है I
सरकार पीपीपी मॉडल को 'संजीवनी' मान स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदलने निकली थी, लेकिन यह प्रयोग भी दर्द देने लगा है। स्थिति यह है कि गढ़वाल मंडल के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पीपीपी मोड से वैकल्पिक मोड में पहुंच गए हैं।
स्वास्थ्य सेवा या हेल्थकेयर का अर्थ बीमारी की रोकथाम और उपचार करना है। स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा, दन्त चिकित्सा, नर्सिंग और स्वास्थ्य से सम्बंधित पेशेवरों द्वारा प्रदान की जाती है। स्वास्थय सेवा तक पहुँच देशों, समूहों और व्यक्तियों के अनुसार बदलती रहती है।
गौरतलब है कि हमारे संविधान में इस बात का प्रावधान होते हुए भी कि नागरिकों को स्वास्थ्य व शिक्षा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है, हम एक राष्ट्र के रूप में इस लक्ष्य की प्राप्ति में असफल रहे हैं।
स्वास्थ्य का तात्पर्य रोगों से मुक्ति मात्र नहीं, निरोगी काया की रचना करना है। ऐलोपैथी हालांकि तुरंत परिणाम का दावा करती है, पर वह रोगों की जड़ समाप्ति की बात नहीं करती। भारत जैसे विशाल देश में, जहां लगभग सत्तर प्रतिशत जनसंख्या आज भी गांवों में रहती है I
सरकार पीपीपी मॉडल को 'संजीवनी' मान स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदलने निकली थी, लेकिन यह प्रयोग भी दर्द देने लगा है। स्थिति यह है कि गढ़वाल मंडल के चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पीपीपी मोड से वैकल्पिक मोड में पहुंच गए हैं।