डेरिवेटिव (व्युत्पन्न) मार्केट को भारत में वर्ष 2000 में पेश किया गया था और तब से यह विदेशों में अपने समकक्षों की तरह काफी महत्व प्राप्त कर रहा है। डेरिवेटिव्स एक प्रकार की सुरक्षा है, जिसका मूल्य अंतर्निहित परिसंपत्ति से प्राप्त होता है।
डेरिवटिव ट्रेडिग एक ऐसा ट्रेडिग प्रक्रिया है जिसमें ट्रेडरों को भविष्य की कोई भी तारिख या किसी निश्चित क़ीमत पर ट्रेड करने के लिए एक समझोते पत्र में प्रवेश करवाया जाता है...
व्युत्पादन, एक वित्तीय प्रपत्र है जो किसी अन्य परिसंपत्ति, सूचकांक, घटना, कीमत या शर्तों (अंतर्निहित परिसंपत्ति के रूप में ज्ञात) से व्युत्पन्न हुआ है।
आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) समेत इक्विटी फंड में पिछले वित्त वर्ष में 81,600 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ. यह 2018-19 में 1,11,858 करोड़ रुपये था.
जब किसी उभरते बाजार की मुद्रा के खिलाफ माहौल बनने लगता है तो दुनियाभर के निवेशक पहली प्रतिक्रिया विदेश में बिकवाली के जरिए देते हैं। बनर्जी ने कहा कि जब भी डॉलर के मुकाबले किसी अन्य इमर्जिंग मार्केट की करंसी गिरती है तो रुपये पर आंच आ जाती है।
डेरिवेटिव (व्युत्पन्न) मार्केट को भारत में वर्ष 2000 में पेश किया गया था और तब से यह विदेशों में अपने समकक्षों की तरह काफी महत्व प्राप्त कर रहा है। डेरिवेटिव्स एक प्रकार की सुरक्षा है, जिसका मूल्य अंतर्निहित परिसंपत्ति से प्राप्त होता है।
डेरिवटिव ट्रेडिग एक ऐसा ट्रेडिग प्रक्रिया है जिसमें ट्रेडरों को भविष्य की कोई भी तारिख या किसी निश्चित क़ीमत पर ट्रेड करने के लिए एक समझोते पत्र में प्रवेश करवाया जाता है...
व्युत्पादन, एक वित्तीय प्रपत्र है जो किसी अन्य परिसंपत्ति, सूचकांक, घटना, कीमत या शर्तों (अंतर्निहित परिसंपत्ति के रूप में ज्ञात) से व्युत्पन्न हुआ है।
आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) समेत इक्विटी फंड में पिछले वित्त वर्ष में 81,600 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ. यह 2018-19 में 1,11,858 करोड़ रुपये था.
जब किसी उभरते बाजार की मुद्रा के खिलाफ माहौल बनने लगता है तो दुनियाभर के निवेशक पहली प्रतिक्रिया विदेश में बिकवाली के जरिए देते हैं। बनर्जी ने कहा कि जब भी डॉलर के मुकाबले किसी अन्य इमर्जिंग मार्केट की करंसी गिरती है तो रुपये पर आंच आ जाती है।