वित्त एवं अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में, उन संस्थाओं को वित्तीय संस्थाएँ कहते हैं जो अपने ग्राहकों एवं सदस्यों को वित्तीय सेवाएँ (जैसे ग्राहक का धन जमा रखना, ग्राहक को ऋण देना, बैंक ड्राफ्ट देना, निधि अन्तरण आदि) देते हैं।
वित्तीय क्षेत्र देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र का मुख्य घटक वित्तीय संस्थाएं है। जो निवल बचतकर्ताओं से निवल उधारकर्ताओं अर्थात् उन लोगों से जो अपनी आमदनी से कम खर्च करते हैं, उन लोगों को जो अपनी आमदनी से अधिक खर्च करते हैं I
वित्तीय संथाओं के अंतर्गत विश्व बैंक समूह तथा बहुपक्षीय और क्षेत्रीय विकास बैंक आते है। ये सभी विकास बैंक है जिनका वैश्विक उद्देश्य -सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति है।
भारत में घरेलू क्षेत्र की बचत को बढ़ावा देने और उसे जरूरी क्षेत्रों में निवेश करके देश में निवेश की गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों को वित्त उपलब्ध कराने के लिए बहुत से वित्तीय संस्थानों की स्थापना की गयी थी.I
भारत ने बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाओं में व्यापक सुधार की मांग की है ताकि विकासशील देशों में पूंजी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में व्यापक सुधार चाहता है I
वित्त एवं अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में, उन संस्थाओं को वित्तीय संस्थाएँ कहते हैं जो अपने ग्राहकों एवं सदस्यों को वित्तीय सेवाएँ (जैसे ग्राहक का धन जमा रखना, ग्राहक को ऋण देना, बैंक ड्राफ्ट देना, निधि अन्तरण आदि) देते हैं।
वित्तीय क्षेत्र देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र का मुख्य घटक वित्तीय संस्थाएं है। जो निवल बचतकर्ताओं से निवल उधारकर्ताओं अर्थात् उन लोगों से जो अपनी आमदनी से कम खर्च करते हैं, उन लोगों को जो अपनी आमदनी से अधिक खर्च करते हैं I
वित्तीय संथाओं के अंतर्गत विश्व बैंक समूह तथा बहुपक्षीय और क्षेत्रीय विकास बैंक आते है। ये सभी विकास बैंक है जिनका वैश्विक उद्देश्य -सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति है।
भारत में घरेलू क्षेत्र की बचत को बढ़ावा देने और उसे जरूरी क्षेत्रों में निवेश करके देश में निवेश की गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों को वित्त उपलब्ध कराने के लिए बहुत से वित्तीय संस्थानों की स्थापना की गयी थी.I
भारत ने बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाओं में व्यापक सुधार की मांग की है ताकि विकासशील देशों में पूंजी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में व्यापक सुधार चाहता है I