प्रदेश में कुशल कर्मकार तैयार करने और उन्हे व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार योग्य बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2009-10 में दिनांकः 1
प्रशिक्षण महानिदेशालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (पूर्ववर्ती
श्रम एवं रोजगार निदेशालय, रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय) द्वारा कौशल विकास पहल
(एस0डी0आई0) योजना के अन्तर्गत मई 2007 में रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशक के माध्यम
से माड्यूलर रोजगारपरक कौशल प्रारम्भ किया गया। इस योजना के अन्तर्गत प्रारम्भ में
स्कूल छोड़ने वाले एवं वर्तमान श्रमिक जो असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं, को रोजगारपरक
कौशल में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। वर्ष 2007 में उद्योग/राज्य सरकार और विशेषज्ञों
की सलाह से यह योजना संचालित की जा रही है। अधिकांश भारतीय कार्यदल के पास बाजार योग्य
कौशल उपलब्ध नहीं हैं जो अच्छे रोजगार एवं उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु अति आवश्यक
है। यद्यपि भारत में युवाओं की जनसंख्या बहुत है
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय में प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) (पूर्ववर्ती रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीईएंडटी), श्रम और रोजगार मंत्रालय (एमओएलएंडई)) भारत सरकार ने 500 मौजूदा आईटीआइज के उन्नयन की योजना शुरू की है।
स्वीडिश अंतर्राष्ट्रीय विकास प्राधिकरण (एसआईडीए), आईएलओ की सहायता से 1974 में एनएसटीआई (रामनथापुरम) (पूर्ववर्ती एटीआई-ईपीआई) हैदराबाद की स्थापना की गयी थी तथा उद्योगों और संगठनों के प्रशिक्षण की जरूरत को पूरा करने के लिए देहरादून में दूसरी एनएसटीआई (पूर्ववर्ती एटीआई-ईपीआई) की स्थ
अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति वर्ग के लिये रोजगार सृजन एवं आजीविका के अवसर बढाने के उद्देश्य से जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
एक बनाएँ व्यापार योजना किसी विशेष कंपनी के संभावित चर के अधिकांश परिभाषित करना शामिल है। इसमें रणनीतिक और व्यापक निर्णय शामिल हैं जैसे व्यवसाय की मेजबानी करना और ऑफ़र क्या होगा, मशीनों में निवेश या किराए पर लेने जैसी अधिक उद्देश्यपूर्ण वित्तीय गणनाओं के माध्यम से।
एकेएमएस ने केएसए में तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण निगम (टीटीटीसी) के कई उम्मीदवारों के लिए «प्रशिक्षण योजना और विकास कौशल» नामक एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया।
प्रदेश में कुशल कर्मकार तैयार करने और उन्हे व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार योग्य बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2009-10 में दिनांकः 1
प्रशिक्षण महानिदेशालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (पूर्ववर्ती
श्रम एवं रोजगार निदेशालय, रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय) द्वारा कौशल विकास पहल
(एस0डी0आई0) योजना के अन्तर्गत मई 2007 में रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशक के माध्यम
से माड्यूलर रोजगारपरक कौशल प्रारम्भ किया गया। इस योजना के अन्तर्गत प्रारम्भ में
स्कूल छोड़ने वाले एवं वर्तमान श्रमिक जो असंगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं, को रोजगारपरक
कौशल में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। वर्ष 2007 में उद्योग/राज्य सरकार और विशेषज्ञों
की सलाह से यह योजना संचालित की जा रही है। अधिकांश भारतीय कार्यदल के पास बाजार योग्य
कौशल उपलब्ध नहीं हैं जो अच्छे रोजगार एवं उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु अति आवश्यक
है। यद्यपि भारत में युवाओं की जनसंख्या बहुत है
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय में प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) (पूर्ववर्ती रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीईएंडटी), श्रम और रोजगार मंत्रालय (एमओएलएंडई)) भारत सरकार ने 500 मौजूदा आईटीआइज के उन्नयन की योजना शुरू की है।
स्वीडिश अंतर्राष्ट्रीय विकास प्राधिकरण (एसआईडीए), आईएलओ की सहायता से 1974 में एनएसटीआई (रामनथापुरम) (पूर्ववर्ती एटीआई-ईपीआई) हैदराबाद की स्थापना की गयी थी तथा उद्योगों और संगठनों के प्रशिक्षण की जरूरत को पूरा करने के लिए देहरादून में दूसरी एनएसटीआई (पूर्ववर्ती एटीआई-ईपीआई) की स्थ
अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति वर्ग के लिये रोजगार सृजन एवं आजीविका के अवसर बढाने के उद्देश्य से जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
एक बनाएँ व्यापार योजना किसी विशेष कंपनी के संभावित चर के अधिकांश परिभाषित करना शामिल है। इसमें रणनीतिक और व्यापक निर्णय शामिल हैं जैसे व्यवसाय की मेजबानी करना और ऑफ़र क्या होगा, मशीनों में निवेश या किराए पर लेने जैसी अधिक उद्देश्यपूर्ण वित्तीय गणनाओं के माध्यम से।
एकेएमएस ने केएसए में तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण निगम (टीटीटीसी) के कई उम्मीदवारों के लिए «प्रशिक्षण योजना और विकास कौशल» नामक एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया।