भारत में वानिकी एक प्रमुख ग्रामीण आर्थिक क्रिया, जनजातीय लोगों के जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू और एक ज्वलंत पर्यावरणीय और सामाजिक-राजनैतिक मुद्दा होने के साथ ही पर्यावरणीय प्रबंधन और धारणीय विकास हेतु अवसर उपलब्ध करने वाला क्षेत्र भी है।
कृषि वानिकी क्या है?कृषि वानिकी का अर्थ है ‘एक ही भूमि पर कृषि फसल एवं वृक्ष प्रजातियों को विधिपूर्वक रोपित कर दोनों प्रकार की उपज लेकर आय बढ़ाना।’ कृषि वानिकी के अन्तर्गत काष्ठीय बहुवर्षीय प्रजातियाँ एक ही भूमि पर कृषि फसलों के साथ उगाई जाती है। यह पद्धति आर्थिक रुप से लाभप्रद, सामाजिक रुप से स्वीकार्य तथा समस्त भूमि सुधारक प्रक्रियाओं का समेकित नाम है।
हरियाणा राज्य सामाजिक और कृषि वानिकी में अग्रणी रहा है। वन विभाग द्वारा दिये गए प्रोत्साहन से प्रभावित होकर किसानों ने सत्तर के दशक में सफेदा वृक्षारोपण को अपनाया। सफेदे के लुगदी बनाने के लिए यमुनानगर में स्थानीय पेपर मिलों की जरूरत थी।
वक्त के साथ साथ खेती का नक्शा भी बदल रहा है। लोग ज्यादा और जमीन कम, यानी पैदावार घटने के पूरे पूरे आसार ऐसे में कृषि वानिकी एक बेहतर रास्ता साबित हो सकता है। देश की जनसंख्या विस्फोटक दर से बढ़ रही है जिसके कारण कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल कम होता जा रहा है इसका प्रभाव वनों पर भी पड़ रहा है । वर्षा की मात्रा व वर्षा के दिन भी कम होते जा रहे है । ईंधन की कमी और जलाऊ लकड़ी का मूल्य अधिक होने के कारण प्रतिवर्ष 500 करोड़ मीट्रिक टन गोबर को उपलों के रूप में जलाया जाता है ।
भारत में वानिकी एक प्रमुख ग्रामीण आर्थिक क्रिया, जनजातीय लोगों के जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू और एक ज्वलंत पर्यावरणीय और सामाजिक-राजनैतिक मुद्दा होने के साथ ही पर्यावरणीय प्रबंधन और धारणीय विकास हेतु अवसर उपलब्ध करने वाला क्षेत्र भी है।
कृषि वानिकी क्या है?कृषि वानिकी का अर्थ है ‘एक ही भूमि पर कृषि फसल एवं वृक्ष प्रजातियों को विधिपूर्वक रोपित कर दोनों प्रकार की उपज लेकर आय बढ़ाना।’ कृषि वानिकी के अन्तर्गत काष्ठीय बहुवर्षीय प्रजातियाँ एक ही भूमि पर कृषि फसलों के साथ उगाई जाती है। यह पद्धति आर्थिक रुप से लाभप्रद, सामाजिक रुप से स्वीकार्य तथा समस्त भूमि सुधारक प्रक्रियाओं का समेकित नाम है।
हरियाणा राज्य सामाजिक और कृषि वानिकी में अग्रणी रहा है। वन विभाग द्वारा दिये गए प्रोत्साहन से प्रभावित होकर किसानों ने सत्तर के दशक में सफेदा वृक्षारोपण को अपनाया। सफेदे के लुगदी बनाने के लिए यमुनानगर में स्थानीय पेपर मिलों की जरूरत थी।
वक्त के साथ साथ खेती का नक्शा भी बदल रहा है। लोग ज्यादा और जमीन कम, यानी पैदावार घटने के पूरे पूरे आसार ऐसे में कृषि वानिकी एक बेहतर रास्ता साबित हो सकता है। देश की जनसंख्या विस्फोटक दर से बढ़ रही है जिसके कारण कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल कम होता जा रहा है इसका प्रभाव वनों पर भी पड़ रहा है । वर्षा की मात्रा व वर्षा के दिन भी कम होते जा रहे है । ईंधन की कमी और जलाऊ लकड़ी का मूल्य अधिक होने के कारण प्रतिवर्ष 500 करोड़ मीट्रिक टन गोबर को उपलों के रूप में जलाया जाता है ।