बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और बायोइंजीनियरिंग - चिकित्सा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग और निर्माण का क्षेत्र; हेल्थकेयर (स्वास्थ्य सम्बंधी देखभाल) के लिए इंजीनियरिंग की संरचनात्मक अवधारणाओं को लागू करना।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक मल्टी डिसिप्लिनरी विषय है, जिसमें आधारभूत चिकित्सा ज्ञान के साथ शारीरिक संरचना का इस तरह अध्ययन किया जाता है, ताकि मानव शरीर के क्रियाकलापों की अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके।
जैवचिकित्सा इंजीनियरी अर्थात् बायोमेडिकल इंजीनियरी, प्रौद्योगिकी का एक ऐसा उभरता क्षेत्र है जो कि अंतर-विषयक पहुंच वाले महत्वपूर्ण प्रभाव के साथ वैशिष्टय से परिपूर्ण है।अधिक जानकारी जानने के लिए आगे पढ़ें।
आज कचरा किसी भी रूप में हो, वह देश और दुनिया के लिये एक बहुत बड़ा पर्यावरणीय संकट बनता जा रहा है। हम जानते हैं कि हर शहर में कई निजी व सरकारी अस्पताल होते हैं, जिनसे प्रतिदिन सैकड़ों टन चिकित्सकीय कचरा निकलता है और यदि पूरे देश में इनकी संख्या की बात करें तो देश भर के अस्पतालों से निकलने वाला कचरा कई हजार टनों में होता है। इस भागम-भाग की जिंदगी में बीमारियाँ बढ़ती जा रही हैं, बीमारों की संख्या बढ़ रही है, अस्पतालों की संख्या भी बढ़ रही है और उसी हिसाब से उन बीमार व्यक्तियों के इलाज में प्रयुक्त होने वाले सामानों की संख्या बढ़ रही है, जिन्हें इस्तेमाल करके कचरे में फेंक दिया जाता है, जो एक बायो
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग सम्मेलन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, जैसे बायोइमेजिंग और बायोसिग्नल, के कई क्षेत्रों में विशेषज्ञ सम्मेलनों, अनुसंधान प्रस्तुतियों और चर्चाओं के माध्यम से कवरेज का विस्तार करें।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक मल्टी डिसिप्लिनरी विषय है, जिसमें आधारभूत चिकित्सा ज्ञान के साथ शारीरिक संरचना का इस तरह अध्ययन किया जाता है, ताकि मानव शरीर के क्रियाकलापों की अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके।
जैवचिकित्सा इंजीनियरी अर्थात् बायोमेडिकल इंजीनियरी, प्रौद्योगिकी का एक ऐसा उभरता क्षेत्र है जो कि अंतर-विषयक पहुंच वाले महत्वपूर्ण प्रभाव के साथ वैशिष्टय से परिपूर्ण है।अधिक जानकारी जानने के लिए आगे पढ़ें।
आज कचरा किसी भी रूप में हो, वह देश और दुनिया के लिये एक बहुत बड़ा पर्यावरणीय संकट बनता जा रहा है। हम जानते हैं कि हर शहर में कई निजी व सरकारी अस्पताल होते हैं, जिनसे प्रतिदिन सैकड़ों टन चिकित्सकीय कचरा निकलता है और यदि पूरे देश में इनकी संख्या की बात करें तो देश भर के अस्पतालों से निकलने वाला कचरा कई हजार टनों में होता है। इस भागम-भाग की जिंदगी में बीमारियाँ बढ़ती जा रही हैं, बीमारों की संख्या बढ़ रही है, अस्पतालों की संख्या भी बढ़ रही है और उसी हिसाब से उन बीमार व्यक्तियों के इलाज में प्रयुक्त होने वाले सामानों की संख्या बढ़ रही है, जिन्हें इस्तेमाल करके कचरे में फेंक दिया जाता है, जो एक बायो
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग सम्मेलन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, जैसे बायोइमेजिंग और बायोसिग्नल, के कई क्षेत्रों में विशेषज्ञ सम्मेलनों, अनुसंधान प्रस्तुतियों और चर्चाओं के माध्यम से कवरेज का विस्तार करें।