खगोल विज्ञान के क्षेत्र में पुरस्कार और उपलब्धियां, जिनमें राष्ट्रीय अंतरिक्ष पायनियर पुरस्कार, अंतरिक्ष उपलब्धि पुरस्कार, अंतरिक्ष-केंद्र अनुसंधान पुरस्कार और अन्य शामिल हैं।
वैज्ञानिकों ने गामा-रे पलसर से आकाशगंगा बनाने के लिए वैश्विक घटनाओं की हमारी समझ को आगे बढ़ाने में मदद की है - अमेरिकी खगोलीय सोसाइटी से शीर्ष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस हफ्ते एएएस द्वारा घोषित 2013 पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता निम्नलिखित हैं
1- जगदीश चन्द्र बसु पहले भारतीय वैज्ञानिक शोधकर्ता थे , जिन्होंने बताया कि पौधों में भी जीवन होता है। 2- महान गणितज्ञ आर्यभट्ट भारत में जन्मे महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने शून्य का अविष्कार करके पूरी दुनिया का संख्या से परिचय करवाया। 3- चन्द्रशेखर वेंकट रमन महान भारतीय वैज्ञानिक थे ,जिन्होंने स्पेक्ट्रम से सम्बंधित रमन प्रभाव के बारे मे बताया था , जिसके कारण उन्हें 1930 मे नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 4- भारत के महानतम गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन, जिन्होंने गणित के क्षेत्र में अनेकों प्रमेय दी, बाद में सभी सत्य साबित हुई। आश्चर्यजनक बात यह है कि उन्होंने गणित की प्रारंभिक शिक्षा नहीं ली थी।
संपूर्ण विश्व को खगोल विज्ञान देने का श्रेय भारत को ही जाता है। वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं। प्रोफेसर विंटरनिट्ज मानते हैं कि वैदिक साहित्य का रचनाकाल 2000-2500 ईसा पूर्व हुआ था।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सोहौली का पुरस्कार वितरण समारोह रविवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। इसमें प्रथम पुरस्कार सरस्वती विद्या मंदिर के अंतरिक्ष राय, द्वितीय पुरस्कार कृष्णा कालेज बरदह की आस्था सिंह व तृतीय पुरस्कार सरस्वती विद्या मंदिर के आशीष यादव को दिया गया।
भारत की मंगल अभियान टीम ने अमेरिकी नेशनल स्पेस सोसायटी (एनएसएस) से 2015 का स्पेस पायनियर अवार्ड जीता है। यह पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी श्रेणी में देने की घोषणा की गई है।
वैज्ञानिकों ने गामा-रे पलसर से आकाशगंगा बनाने के लिए वैश्विक घटनाओं की हमारी समझ को आगे बढ़ाने में मदद की है - अमेरिकी खगोलीय सोसाइटी से शीर्ष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस हफ्ते एएएस द्वारा घोषित 2013 पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता निम्नलिखित हैं
1- जगदीश चन्द्र बसु पहले भारतीय वैज्ञानिक शोधकर्ता थे , जिन्होंने बताया कि पौधों में भी जीवन होता है। 2- महान गणितज्ञ आर्यभट्ट भारत में जन्मे महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने शून्य का अविष्कार करके पूरी दुनिया का संख्या से परिचय करवाया। 3- चन्द्रशेखर वेंकट रमन महान भारतीय वैज्ञानिक थे ,जिन्होंने स्पेक्ट्रम से सम्बंधित रमन प्रभाव के बारे मे बताया था , जिसके कारण उन्हें 1930 मे नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 4- भारत के महानतम गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन, जिन्होंने गणित के क्षेत्र में अनेकों प्रमेय दी, बाद में सभी सत्य साबित हुई। आश्चर्यजनक बात यह है कि उन्होंने गणित की प्रारंभिक शिक्षा नहीं ली थी।
संपूर्ण विश्व को खगोल विज्ञान देने का श्रेय भारत को ही जाता है। वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं। प्रोफेसर विंटरनिट्ज मानते हैं कि वैदिक साहित्य का रचनाकाल 2000-2500 ईसा पूर्व हुआ था।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सोहौली का पुरस्कार वितरण समारोह रविवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। इसमें प्रथम पुरस्कार सरस्वती विद्या मंदिर के अंतरिक्ष राय, द्वितीय पुरस्कार कृष्णा कालेज बरदह की आस्था सिंह व तृतीय पुरस्कार सरस्वती विद्या मंदिर के आशीष यादव को दिया गया।
भारत की मंगल अभियान टीम ने अमेरिकी नेशनल स्पेस सोसायटी (एनएसएस) से 2015 का स्पेस पायनियर अवार्ड जीता है। यह पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी श्रेणी में देने की घोषणा की गई है।