तारा टूटते हुए देखने संबंध मान्यताएं कई प्रकार की है। अलग अलग देशों में इसको लेकर भिन्न भिन्न मान्यताएं प्रचलित है। कहीं पर इसे शुभ तो कहीं पर इसे अशुभ माना जाता है। आओ जानते हैं किस तरह की मान्यताएं प्रचलित है।
हमारे और आकाश के तारों के बीच पृथ्वी का वायुमंडल होता है। और जब प्रकाश वायुमंडल से होकर गुजरता है तो वह विरूपित हो जाता है। यह विरूपण लगातार बदलता रहता है। यही कारण है कि तारे चमकते हुए दिखाई देते हैं।
तारों के जुड़े महत्वपूर्ण सवालों की पड़ताल करता एक शोधपरक आलेख।क्या इन तारों का जन्म होता है? क्या इनकी मृत्यु भी होती है? इन सभी तारों में हमारे सौर-परिवार के मुखिया सूर्य का क्या स्थान है? आकाश में कुल कितने तारे हैं? ध्रुव तारा क्यों स्थिर प्रतीत होता है? वैगरह-वैगरह।
तारों की अरबों साल की जीवन यात्रा की तुलना में मनुष्य का जीवन काल बहुत ही छोटा है। तो फिर वैज्ञानिक तारों के जन्म, यौवन, मृत्यु आदि के बारे में कैसे जान सकते हैं?
तारा समूहों में जीवन! जी हाँ, हैरान हो गये न! यदि पृथ्वी जैसे दूसरे ग्रहों पर जीवन हो सकता है तो तारों पर क्यों नहीं! वैज्ञानिकों ने मंगल और चाँद पर जीवन के अंश खोज निकाले और अब तारों के समूह में जीवन की संभावनाएं तलाश रहें हैं. I
सितारे का जिवनचक्र सामान्यतः सितारे का जीवन चक्र दो तरह का होता है और लगभग सभी तारे इन दो जीवन चक्र मे से किसी एक का पालन करते है। इन दो जीवन चक्र मे चयन का पैमाना उस तारे का द्रव्यमान होता है।
ध्रुव तारा, जिसका बायर नाम "अल्फ़ा उर्साए माइनोरिस" है, ध्रुवमत्स्य तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ४५वां सब से रोशन तारा भी है।
को ज्ञात सबसे बड़ा तारा ज्ञात सबसे बड़ा तारा :- हमारा सौरमंडल, हमारे सौरमंडल का ऊर्जा स्रोत हमारा अपना तारा हमारा सूर्य हैं। जिस प्रकार हमारा सूर्य एक तारा है I
तारे गर्म गैसों के बहुत बड़े पिंड होते है और उनसे आग की बहुत बड़ी– बड़ी लपटें निकलती रहती हैं। साथ ही यह बहुत बड़ी मात्रा में ताप और प्रकाश का भी विकिरण करते हैं। इसलिए उनके पास खुद का ताप और प्रकाश होता है।
तारा टूटते हुए देखने संबंध मान्यताएं कई प्रकार की है। अलग अलग देशों में इसको लेकर भिन्न भिन्न मान्यताएं प्रचलित है। कहीं पर इसे शुभ तो कहीं पर इसे अशुभ माना जाता है। आओ जानते हैं किस तरह की मान्यताएं प्रचलित है।
हमारे और आकाश के तारों के बीच पृथ्वी का वायुमंडल होता है। और जब प्रकाश वायुमंडल से होकर गुजरता है तो वह विरूपित हो जाता है। यह विरूपण लगातार बदलता रहता है। यही कारण है कि तारे चमकते हुए दिखाई देते हैं।
तारों के जुड़े महत्वपूर्ण सवालों की पड़ताल करता एक शोधपरक आलेख।क्या इन तारों का जन्म होता है? क्या इनकी मृत्यु भी होती है? इन सभी तारों में हमारे सौर-परिवार के मुखिया सूर्य का क्या स्थान है? आकाश में कुल कितने तारे हैं? ध्रुव तारा क्यों स्थिर प्रतीत होता है? वैगरह-वैगरह।
तारों की अरबों साल की जीवन यात्रा की तुलना में मनुष्य का जीवन काल बहुत ही छोटा है। तो फिर वैज्ञानिक तारों के जन्म, यौवन, मृत्यु आदि के बारे में कैसे जान सकते हैं?
तारा समूहों में जीवन! जी हाँ, हैरान हो गये न! यदि पृथ्वी जैसे दूसरे ग्रहों पर जीवन हो सकता है तो तारों पर क्यों नहीं! वैज्ञानिकों ने मंगल और चाँद पर जीवन के अंश खोज निकाले और अब तारों के समूह में जीवन की संभावनाएं तलाश रहें हैं. I
सितारे का जिवनचक्र सामान्यतः सितारे का जीवन चक्र दो तरह का होता है और लगभग सभी तारे इन दो जीवन चक्र मे से किसी एक का पालन करते है। इन दो जीवन चक्र मे चयन का पैमाना उस तारे का द्रव्यमान होता है।
ध्रुव तारा, जिसका बायर नाम "अल्फ़ा उर्साए माइनोरिस" है, ध्रुवमत्स्य तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ४५वां सब से रोशन तारा भी है।
को ज्ञात सबसे बड़ा तारा ज्ञात सबसे बड़ा तारा :- हमारा सौरमंडल, हमारे सौरमंडल का ऊर्जा स्रोत हमारा अपना तारा हमारा सूर्य हैं। जिस प्रकार हमारा सूर्य एक तारा है I
तारे गर्म गैसों के बहुत बड़े पिंड होते है और उनसे आग की बहुत बड़ी– बड़ी लपटें निकलती रहती हैं। साथ ही यह बहुत बड़ी मात्रा में ताप और प्रकाश का भी विकिरण करते हैं। इसलिए उनके पास खुद का ताप और प्रकाश होता है।