खगोल विज्ञान के उन विषयों का अध्ययन जो हमारी आकाशगंगा के बाहर की प्रणालियों से संबंधित हैं; सौर-मण्डल से बाहर के ग्रह और आकाशगंगा से बाहर (एक्स्ट्रागैलैक्टिक) के अनुसंधान।
चिकित्सा ज्योतिष में हर ग्रह शरीर के किसी ना किसी अंग से संबंधित होता है। कुण्डली में जब संबंधित ग्रह की दशा होती है और गोचर भी प्रतिकूल चल रहा होता है I
अंतरिक्ष अनंत है और हमारा सौरमंडल उसका एक छोटा सा हिस्सा भर है. Iवैज्ञानिक ये मानते हैं कि दुनिया में सिर्फ़ हम ही नहीं, बहुत से ब्रह्मांड हैं. क्योंकि आकाश अनंत है. इसका कोई ओर-छोर नहीं. न हमने इसको पूरा देखा है, न जाना है, न समझा है. I
लंबे समय से धरती के अलावा किसी और ग्रह पर भी जीवन की संभावनाओं की तलाश में जुटे वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. नासा ने खोज निकाला है ऐसा ही एक ग्रह I
वैज्ञानिकों और खगोलविदों ने पृथ्वी से दूर एक ऐसे ग्रह की खोज की है जहां इंसानी जीवन संभव हो सकता है। ऐस्ट्रोनॉमी से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पृथ्वी के आकार का रॉस 128 ग्रह छोटा और हल्के लाल रंग का है और पृथ्वी से 11 हजार प्रकाश वर्ष दूर है।
अभी तक हम दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं पर सिर्फ बात किया करते थे, लेकिन नासा की नई खोज में मिले आंकड़ों के आधार पर अब हम ठोस रूप से इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. तारामंडल में छह या कहें सात ग्रहों की खोज एक बड़े बदलाव का संकेत है. I
पिछले कई दशकों से खगोल-वैज्ञानिक हमारे सौर-मंडल के बाहर एक दूसरी पृथ्वी की तलाश कर रहे हैं और अब उनका खयाल है कि उन्होंने एक ऐसा ग्रह खोज लिया है जो पृथ्वी जैसा हो सकता है। यह ग्रह पृथ्वी से मात्र 1.1 गुणा बड़ा है, यानी लगभग उसके बराबर है।
ऐसे ग्रहों की खोज वैज्ञानिक लंबे समय से करते रहे हैं जिन पर जीवन के लक्षण मौजूद हों लेकिन अब एक ऐसे ग्रह की खोज की गई है जो धरती और सूर्य के बीच उस क्षेत्र में मौजूद है जहां जीवन संभव है. I
मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - "स्थलीय ग्रह" जिनमें ज़मीन होती है और "गैसीय ग्रह" जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है।
चिकित्सा ज्योतिष में हर ग्रह शरीर के किसी ना किसी अंग से संबंधित होता है। कुण्डली में जब संबंधित ग्रह की दशा होती है और गोचर भी प्रतिकूल चल रहा होता है I
अंतरिक्ष अनंत है और हमारा सौरमंडल उसका एक छोटा सा हिस्सा भर है. Iवैज्ञानिक ये मानते हैं कि दुनिया में सिर्फ़ हम ही नहीं, बहुत से ब्रह्मांड हैं. क्योंकि आकाश अनंत है. इसका कोई ओर-छोर नहीं. न हमने इसको पूरा देखा है, न जाना है, न समझा है. I
लंबे समय से धरती के अलावा किसी और ग्रह पर भी जीवन की संभावनाओं की तलाश में जुटे वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. नासा ने खोज निकाला है ऐसा ही एक ग्रह I
वैज्ञानिकों और खगोलविदों ने पृथ्वी से दूर एक ऐसे ग्रह की खोज की है जहां इंसानी जीवन संभव हो सकता है। ऐस्ट्रोनॉमी से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पृथ्वी के आकार का रॉस 128 ग्रह छोटा और हल्के लाल रंग का है और पृथ्वी से 11 हजार प्रकाश वर्ष दूर है।
अभी तक हम दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं पर सिर्फ बात किया करते थे, लेकिन नासा की नई खोज में मिले आंकड़ों के आधार पर अब हम ठोस रूप से इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. तारामंडल में छह या कहें सात ग्रहों की खोज एक बड़े बदलाव का संकेत है. I
पिछले कई दशकों से खगोल-वैज्ञानिक हमारे सौर-मंडल के बाहर एक दूसरी पृथ्वी की तलाश कर रहे हैं और अब उनका खयाल है कि उन्होंने एक ऐसा ग्रह खोज लिया है जो पृथ्वी जैसा हो सकता है। यह ग्रह पृथ्वी से मात्र 1.1 गुणा बड़ा है, यानी लगभग उसके बराबर है।
ऐसे ग्रहों की खोज वैज्ञानिक लंबे समय से करते रहे हैं जिन पर जीवन के लक्षण मौजूद हों लेकिन अब एक ऐसे ग्रह की खोज की गई है जो धरती और सूर्य के बीच उस क्षेत्र में मौजूद है जहां जीवन संभव है. I
मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है। पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है। सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - "स्थलीय ग्रह" जिनमें ज़मीन होती है और "गैसीय ग्रह" जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है।