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प्रलय - विकिपीडिया
प्रलय का अर्थ होता है संसार का अपने मूल कारण प्रकृति में सर्वथा लीन हो जाना, सृष्टि का सर्वनाश, सृष्टि का जलमग्न हो जाना। पुराणों में काल को चार युगों में बाँटा गया है।
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B2%E0%A4%AF
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कब और कैसे होगी प्रलय?
हिन्दू शास्त्रों में मूल रूप से प्रलय के चार प्रकार बताए गए। पहला किसी भी धरती पर से जीवन का समाप्त हो जाना, दूसरा धरती का नष्ट होकर भस्म बन जाना, तीसरा सूर्य सहित ग्रह-नक्षत्रों का नष्ट होकर भस्मीभूत हो जाना और चौथा भस्म का ब्रह्म में लीन हो जाना I
https://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-article/%E0%A4%95%E0%A4%AC-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%88%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B2%E0%A4%AF-113071700080_1.htm
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दुनिया में प्रलय का दिन कब आएगा? - BBC News हिंदी
तमाम धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक इस दिन धरती पर इंसानियत तबाह हो जाएगी. क्या वाकई में ऐसा होगा?
https://www.bbc.com/hindi/vert-fut-40837520
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हिंदू धर्म के अनुसार इन चार प्रकार से होती है महाप्रलय I
प्रलय का अर्थ होता है अपने मूल कारण प्रकृति में सर्वथा लीन हो जाना।कृति का ब्रह्म में लय (लीन) हो जाना ही प्रलय है। यह संपूर्ण ब्रह्मांड ही प्रकृति कही गई है। इसे ही शक्ति कहते हैं।
https://vigyanam.com/pralaya-ke-prakar-hindu-dharma/
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प्राकृत प्रलय - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर
प्राकृत प्रलय ब्राह्मांड के सभी भूखण्ड या ब्रह्माण्ड का मिट जाना, नष्ट हो जाना या भस्मरूप हो जाना को कहते है।अधिक जानकारी के लिए, आगे पढ़ें।
https://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%A4_%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B2%E0%A4%AF
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भूविज्ञान का महत्व I
भूविज्ञान या भौमिकी (Geology) वह विज्ञान है जिसमें ठोस पृथ्वी, पृथ्वी का निर्माण करने वाली शैलों तथा उन प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जिनसे शैलों, भूपर्पटी और स्थलरूपों का विकास होता है।
https://yexpress.blogspot.com/2015/07/blog-post_464.html
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भूविज्ञान - यूनियनपीडिया, अर्थ वेब विश्वकोश
पृथ्वी के भूवैज्ञनिक क्षेत्र पृथ्वी से सम्बंधित ज्ञान ही भूविज्ञान कहलाता है।भूविज्ञान या भौमिकी (Geology) वह विज्ञान है जिसमें ठोस पृथ्वी का निर्माण करने वाली शैलों तथा उन प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जिनसे शैलों, भूपर्पटी और स्थलरूपों का विकास होता है। इसके अंतर्गत पृथ्वी संबंधी अनेकानेक विषय आ जाते हैं जैसे, खनिज शास्त्र, तलछट विज्ञान, भूमापन और खनन इंजीनियरी इत्यादि। इसके अध्ययन बिषयों में से एक मुख्य प्रकरण उन क्रियाओं की विवेचना है जो चिरंतन काल से भूगर्भ में होती चली आ रही हैं एवं जिनके फलस्वरूप भूपृष्ठ का रूप निरंतर परिवर्तित होता रहता है, यद्यपि उसकी गति साधारणतया बहुत ही मंद होती है। अन्य प्रकरणों में पृथ्वी की आयु, भूगर्भ, ज्वालामुखी क्रिया, भूसंचलन, भूकंप और पर्वतनिर्माण, महादेशीय विस्थापन, भौमिकीय काल में जलवायु परिवर्तन तथा हिम युग विशेष उल्लेखनीय हैं। भूविज्ञान में पृथ्वी की उत्पत्ति, उसकी संरचना तथा उसके संघटन एवं शैलों द्वारा व्यक्त उसके इतिहास की विवेचना की जाती है। यह विज्ञान उन प्रक्रमों पर भी प्रकाश डालता है जिनसे शैलों में परिवर्तन आते रहते हैं। इसमें अभिनव जीवों के साथ प्रागैतिहासिक जीवों का संबंध तथा उनकी उत्पत्ति और उनके विकास का अध्ययन भी सम्मिलित है। इसके अंतर्गत पृथ्वी के संघटक पदार्थों, उन पर क्रियाशील शक्तियों तथा उनसे उत्पन्न संरचनाओं, भूपटल की शैलों के वितरण, पृथ्वी के इतिहास (भूवैज्ञानिक कालों) आदि के अध्ययन को सम्मिलित किया जाता है। . 36 संबंधों।
https://hi.unionpedia.org/%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8
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भूकंपी स्ट्रेटीग्राफी I
भूकंपी स्ट्रेटीग्राफी स्ट्रेटीग्राफी और भूकंपीय व्याख्या काम करने के लिए लागू तलछट विशेष lithology, lithofacies अनुसंधान, के लिए है, छिपा जानकारी स्ट्रेटीग्राफी और पूरी तरह से उपयोग तलछटी सुविधाओं में भूकंप डेटा, प्रणाली बनाने की विधि समझाने . I
http://hi.swewe.net/word_show.htm/?294246_1&%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%95%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AB%E0%A5%80
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भूवैज्ञानिक समय-मान - विकिपीडिया
भूवैज्ञानिक समय-मान कालानुक्रमिक मापन की एक प्रणाली है जो स्तरिकी को समय के साथ जोड़ती है। यह एक स्तरिक सारणी है। अधिक जानकारी के लिए, आगे पढ़ें।
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A5%82%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95_%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%AF-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8