आग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे उष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और जल.[1] उत्पन्न होते हैं। ऑक्सीकरण से उत्पन्न गैस आयनीकृत होकर प्लाज्मा.[2] पैदा करते हैं।
केंद्र सरकार ने वनों में लगने वाली आग को प्राकृतिक आपदा में शामिल कर लिया है। इससे हर साल आग से जूझने वाले उत्तराखंड को न सिर्फ संबल मिलेगा, बल्कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) से मदद मिलेगी।
पंद्रहवीं लोकसभा चुनाव के समय यानी 2009 में उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगी थी और उसकी चपेट में आकर कई व्यक्तियों की जान चली गई थी। इसके बारे में अधिक जानने के लिए, आगे पढ़ें।
किसी भी भारतीय या विदेशी अंतरिक्ष यान प्रणाली में, भूकंप, इसके बाद के प्रभाव या सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का पता लगाने और उनका अनुमान लगाने की क्षमता है।
आग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे उष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और जल.[1] उत्पन्न होते हैं। ऑक्सीकरण से उत्पन्न गैस आयनीकृत होकर प्लाज्मा.[2] पैदा करते हैं।
केंद्र सरकार ने वनों में लगने वाली आग को प्राकृतिक आपदा में शामिल कर लिया है। इससे हर साल आग से जूझने वाले उत्तराखंड को न सिर्फ संबल मिलेगा, बल्कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) से मदद मिलेगी।
पंद्रहवीं लोकसभा चुनाव के समय यानी 2009 में उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगी थी और उसकी चपेट में आकर कई व्यक्तियों की जान चली गई थी। इसके बारे में अधिक जानने के लिए, आगे पढ़ें।
किसी भी भारतीय या विदेशी अंतरिक्ष यान प्रणाली में, भूकंप, इसके बाद के प्रभाव या सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का पता लगाने और उनका अनुमान लगाने की क्षमता है।