भारत विश्व का दूसरा बाढ़ प्रभावित देश है। बाढ़ एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोई निश्चित भूक्षेत्र अस्थायी रूप से जलमग्न हो जाता है और जन-जीवन प्रभावित हो जाता है। बाँध टूटना, जलतरंगों की गति बढ़ना, मानसून की अधिकता आदि।
जलवायु में आ रहे बदलाव के चलते यह तो तय है कि प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति बढ़ रही है। इस लिहाज से जरूरी है कि शहरों के पानी का ऐसा प्रबन्ध किया जाये कि उसका जल भराव नदियों और बाँधों में हो, जिससे आफत की बरसात के पानी का उपयोग जल की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में....
केरल में आई प्रलयंकारी बाढ़ के कारण सैकड़ों लोगों की जान गई है और हजारों करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। सदी की इस सबसे बड़ी आपदा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है...
भारत में प्रत्येक वर्ष मानसून के आगमन के साथ किसी न किसी राज्य में बाढ़ का आना लगभग तय होता है। सामान्यतः बाढ़ से उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्र के राज्य अधिक प्रभावित होते रहे हैं। परंतु इस बार भारत के दक्षिण-पश्चिम भाग में अवस्थित तटीय राज्य केरल बाढ़ग्रस्त रहा।
बाढ़ के प्रभाव से दर्जनों गांव चपेट में है। सैकड़ों बीघा फसलें सड़ कर नष्ट हो चुकी हैं। प्रशासन लहरा, डिगलेश नगर, बघेला सहित आधा दर्जन गांव को बाढ़ से प्रभावित बता रहा है। जबकि दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं और सैकड़ों बीघा भूमि जलमग्न है।
भारत में बाढ को आम खतरों में गिना जाता है। बाढ़ निम्नलिखित परिस्थितियों में खतरनाक हो सकती हैःपानी अगर बहुत तेजी से बह रहा है पानी अगर बहुत गहरा है अगर बाढ़ का पानी तेजी से चढ़ गया है अगर बाढ़ के पानी में पेड़ तथा कोरोगेटिड आयरन (नालीदार चादर) जैसा कचरा शामिल हैबाढ़ आने से पहले की गई तैयारी से आपको अपने घर तथा व्यापार को होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी तथा आपकी जीवित बच निकलने में सहायक होगी।
सरकारी आंकड़ों ने उत्तराखंड में 100 से ज्यादा की जान ली है. जबकि बहते हुए होटल, लापता लोगों की संख्या कहीं बड़े नुकसान की आहट दे रही है. उधर कई राज्य बाढ़ का नुकसान कम करने के बिल पर सहमत नहीं हो पा रहे हैं.I
वित्तमंत्री पी.चिदंबरम नेउम्मीद जताईहै कि देश केकई हिस्सोंमें कहरबरपाने वालीबाढ़ सेआर्थिक विकासदर पर खास बुराअसर नहींपड़ेगा।उन्होंने यहभी कहा कि बाढ़से जहां फसल औरआबादी कोनुकसान होताहै I
उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की ओर से पिछले वर्ष निर्माणाधीन पुल का मलबा गंगा में छोड़े जाने से ही खानपुर क्षेत्र में बाढ़ आई थी। हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से की गई जांच में यह खुलासा हुआ।
भारत विश्व का दूसरा बाढ़ प्रभावित देश है। बाढ़ एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोई निश्चित भूक्षेत्र अस्थायी रूप से जलमग्न हो जाता है और जन-जीवन प्रभावित हो जाता है। बाँध टूटना, जलतरंगों की गति बढ़ना, मानसून की अधिकता आदि।
जलवायु में आ रहे बदलाव के चलते यह तो तय है कि प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति बढ़ रही है। इस लिहाज से जरूरी है कि शहरों के पानी का ऐसा प्रबन्ध किया जाये कि उसका जल भराव नदियों और बाँधों में हो, जिससे आफत की बरसात के पानी का उपयोग जल की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों में....
केरल में आई प्रलयंकारी बाढ़ के कारण सैकड़ों लोगों की जान गई है और हजारों करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। सदी की इस सबसे बड़ी आपदा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है...
भारत में प्रत्येक वर्ष मानसून के आगमन के साथ किसी न किसी राज्य में बाढ़ का आना लगभग तय होता है। सामान्यतः बाढ़ से उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्र के राज्य अधिक प्रभावित होते रहे हैं। परंतु इस बार भारत के दक्षिण-पश्चिम भाग में अवस्थित तटीय राज्य केरल बाढ़ग्रस्त रहा।
बाढ़ के प्रभाव से दर्जनों गांव चपेट में है। सैकड़ों बीघा फसलें सड़ कर नष्ट हो चुकी हैं। प्रशासन लहरा, डिगलेश नगर, बघेला सहित आधा दर्जन गांव को बाढ़ से प्रभावित बता रहा है। जबकि दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में हैं और सैकड़ों बीघा भूमि जलमग्न है।
भारत में बाढ को आम खतरों में गिना जाता है। बाढ़ निम्नलिखित परिस्थितियों में खतरनाक हो सकती हैःपानी अगर बहुत तेजी से बह रहा है पानी अगर बहुत गहरा है अगर बाढ़ का पानी तेजी से चढ़ गया है अगर बाढ़ के पानी में पेड़ तथा कोरोगेटिड आयरन (नालीदार चादर) जैसा कचरा शामिल हैबाढ़ आने से पहले की गई तैयारी से आपको अपने घर तथा व्यापार को होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी तथा आपकी जीवित बच निकलने में सहायक होगी।
सरकारी आंकड़ों ने उत्तराखंड में 100 से ज्यादा की जान ली है. जबकि बहते हुए होटल, लापता लोगों की संख्या कहीं बड़े नुकसान की आहट दे रही है. उधर कई राज्य बाढ़ का नुकसान कम करने के बिल पर सहमत नहीं हो पा रहे हैं.I
वित्तमंत्री पी.चिदंबरम नेउम्मीद जताईहै कि देश केकई हिस्सोंमें कहरबरपाने वालीबाढ़ सेआर्थिक विकासदर पर खास बुराअसर नहींपड़ेगा।उन्होंने यहभी कहा कि बाढ़से जहां फसल औरआबादी कोनुकसान होताहै I
उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की ओर से पिछले वर्ष निर्माणाधीन पुल का मलबा गंगा में छोड़े जाने से ही खानपुर क्षेत्र में बाढ़ आई थी। हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से की गई जांच में यह खुलासा हुआ।