ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं।[1] वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं।
ज्वालामुखी के विस्फोट के समय लावा, टेफ्रा और विभिन्न गैसें ज्वालामुखी से निकलतीं हैं। ज्वालामुखी विशेषज्ञों ने ज्वालामुखी-विस्फोटों के अनेक प्रकारों का वर्णन किया है।
इंडोनेशिया में माउंट आगुंग ज्वालामुखी में विस्फोट के कारण निकले राख के चलते रिसॉर्ट द्वीप बाली स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा को शुक्रवार को बंद कर दिया गया। पिछले साल के अंत से खामोश माउंट अागुंग ज्वालामुखी फिर से सक्रिय हो गया है।
ज्वालामुखी पर्वतों को हो-हल्ला करने वाले पड़ोसी के नाम से कुछ ज्यादा ही जाना जाता है। खासकर जापानी इलाकों में शोर करने वाले मेहमान (ज्वालामुखी) को तो बहुत अच्छी तरह से पहचानते हैं। अनुमानत: तीन हजार फुट ऊंचे ज्वालामुखी पर्वत की क्रूर कहानियां काफी प्रचलित हैं। वैसे हाल में ही भूगोल शास्त्रियों ने इसका भली-भांति अध्ययन किया जो कुछ इस प्रकार है। पृथ्वी के सातों महाद्वीप, उपमहाद्वीप एवं भूखंडों में कुल मिलाकर चार सौ से छ: सौ बीस ज्वालामुखी पर्वत हैं। सागर तले में सक्रिय संख्या लगभग पांच सौ है लेकिन सभी ज्वालामुखी ज्यादा भयंकर नहीं होते। कुछ तो सिर्फ राख उगल कर ही संतोष पा जाते हैं। ऐसे ही कुछ ज्वालामुखियों के आसपास गांव भी बसे हुए हैं।
इंडोनेशिया के माउंट मेरापी के अंदर की गतिविधियों से बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हो सकता है और जिस तरह से आइसलैंड के ज्वालामुखी विस्फोट से यूरोप प्रभावित हुआ था वैसा ही असर इसका भारत पर हो सकता है।
वहीं पुना एस्टेट्स इलाके से 10 हजार लोगों को खाली कर जाने को कहा गया है. रेडक्रॉस सोसाइटी ने 2 कैंप सेटअप किए हैं. वहीं UBER लोगों का निकलने के लिए फ्री राइड मुहैया करवा रहा है. हवाई के अधिकारियों का कहना है कि अभी यह संख्या आगे भी बढ़ सकती है. I
ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं।[1] वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं।
ज्वालामुखी के विस्फोट के समय लावा, टेफ्रा और विभिन्न गैसें ज्वालामुखी से निकलतीं हैं। ज्वालामुखी विशेषज्ञों ने ज्वालामुखी-विस्फोटों के अनेक प्रकारों का वर्णन किया है।
इंडोनेशिया में माउंट आगुंग ज्वालामुखी में विस्फोट के कारण निकले राख के चलते रिसॉर्ट द्वीप बाली स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा को शुक्रवार को बंद कर दिया गया। पिछले साल के अंत से खामोश माउंट अागुंग ज्वालामुखी फिर से सक्रिय हो गया है।
ज्वालामुखी पर्वतों को हो-हल्ला करने वाले पड़ोसी के नाम से कुछ ज्यादा ही जाना जाता है। खासकर जापानी इलाकों में शोर करने वाले मेहमान (ज्वालामुखी) को तो बहुत अच्छी तरह से पहचानते हैं। अनुमानत: तीन हजार फुट ऊंचे ज्वालामुखी पर्वत की क्रूर कहानियां काफी प्रचलित हैं। वैसे हाल में ही भूगोल शास्त्रियों ने इसका भली-भांति अध्ययन किया जो कुछ इस प्रकार है। पृथ्वी के सातों महाद्वीप, उपमहाद्वीप एवं भूखंडों में कुल मिलाकर चार सौ से छ: सौ बीस ज्वालामुखी पर्वत हैं। सागर तले में सक्रिय संख्या लगभग पांच सौ है लेकिन सभी ज्वालामुखी ज्यादा भयंकर नहीं होते। कुछ तो सिर्फ राख उगल कर ही संतोष पा जाते हैं। ऐसे ही कुछ ज्वालामुखियों के आसपास गांव भी बसे हुए हैं।
इंडोनेशिया के माउंट मेरापी के अंदर की गतिविधियों से बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हो सकता है और जिस तरह से आइसलैंड के ज्वालामुखी विस्फोट से यूरोप प्रभावित हुआ था वैसा ही असर इसका भारत पर हो सकता है।
वहीं पुना एस्टेट्स इलाके से 10 हजार लोगों को खाली कर जाने को कहा गया है. रेडक्रॉस सोसाइटी ने 2 कैंप सेटअप किए हैं. वहीं UBER लोगों का निकलने के लिए फ्री राइड मुहैया करवा रहा है. हवाई के अधिकारियों का कहना है कि अभी यह संख्या आगे भी बढ़ सकती है. I