Interior Design Tips : हर गृहिणी के लिए उसका किचेन सबसे खास जगह होती है। यहीं पर वह अपने फैमिली मेंबर्स के लिए प्यार से, बड़े जतन से तरह-तरह के पकवान, भोजन बनाती है। ऐसे में इस जगह का उसकी पसंद के हिसाब से बना होना जरूरी है।
जिस तरह घर के दूसरे पार्ट के इंटीरियर की तारीफ आपके जानने वाले करते हैं, वैसी ही तारीफ आपके किचेन को भी मिल सकती है। बस इसके लिए आपको किचेन बनवाते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान...
वास्तु संबंधी विद्या का उपयोग जितना बाहरी निर्माण में किया गया है, उतना ही उपयोग आंतरिक साज-सज्जा के लिए विदेशों में किया जाता है। अपितु यह कहा जा सकता है...
घर झोंपड़ी जैसा हो या आलीशान मकान, हर परिवार के लिए उसका घर सबसे प्रिय होता है। बढ़ती महंगाई, शहरों की ओर पलायन और वहां जगह की कमी, मकानों की अनुपलब्धता आदि विपरीत परिस्थितियों में आदमी ऐसे घर की कल्पना करता है
सभी धर्मों के अनुयायी अपने-अपने देवी-देवताओं पर असीम श्रद्धा एवं विश्वास रखते हैं तथा उनसे संबंधित तस्वीरों एवं मूर्तियों को अपने-अपने घरों में सजा कर रखते हैं। आंतरिक सज्जा के साथ ही विभिन्न प्रकार के संकट दूर करने के लिए भी
घर की आंतरिक साज-सज्जा में वास्तुशास्त्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। घर का इंटीरियर डेकोरेशन करते समय घर के भीतरी दीवारो के रंग-संयोजन, पर्दो के डिजाइन, फर्नीचर, कलाकृतियां, पेंटिंग,
अभी मई में पंडित जी को माॅरीशस जाने का अवसर मिला।
वहाँ एक महिला व्यवसायी ने वार्तालाप में बताया कि उसने
एक नया कार्यालय लिया है जिसमें लकड़ी का काम, पार्टीशन
Interior Design Tips : हर गृहिणी के लिए उसका किचेन सबसे खास जगह होती है। यहीं पर वह अपने फैमिली मेंबर्स के लिए प्यार से, बड़े जतन से तरह-तरह के पकवान, भोजन बनाती है। ऐसे में इस जगह का उसकी पसंद के हिसाब से बना होना जरूरी है।
जिस तरह घर के दूसरे पार्ट के इंटीरियर की तारीफ आपके जानने वाले करते हैं, वैसी ही तारीफ आपके किचेन को भी मिल सकती है। बस इसके लिए आपको किचेन बनवाते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान...
वास्तु संबंधी विद्या का उपयोग जितना बाहरी निर्माण में किया गया है, उतना ही उपयोग आंतरिक साज-सज्जा के लिए विदेशों में किया जाता है। अपितु यह कहा जा सकता है...
घर झोंपड़ी जैसा हो या आलीशान मकान, हर परिवार के लिए उसका घर सबसे प्रिय होता है। बढ़ती महंगाई, शहरों की ओर पलायन और वहां जगह की कमी, मकानों की अनुपलब्धता आदि विपरीत परिस्थितियों में आदमी ऐसे घर की कल्पना करता है
सभी धर्मों के अनुयायी अपने-अपने देवी-देवताओं पर असीम श्रद्धा एवं विश्वास रखते हैं तथा उनसे संबंधित तस्वीरों एवं मूर्तियों को अपने-अपने घरों में सजा कर रखते हैं। आंतरिक सज्जा के साथ ही विभिन्न प्रकार के संकट दूर करने के लिए भी
घर की आंतरिक साज-सज्जा में वास्तुशास्त्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। घर का इंटीरियर डेकोरेशन करते समय घर के भीतरी दीवारो के रंग-संयोजन, पर्दो के डिजाइन, फर्नीचर, कलाकृतियां, पेंटिंग,
अभी मई में पंडित जी को माॅरीशस जाने का अवसर मिला।
वहाँ एक महिला व्यवसायी ने वार्तालाप में बताया कि उसने
एक नया कार्यालय लिया है जिसमें लकड़ी का काम, पार्टीशन