पृथ्वी के धरातल की उत्पत्ति में सर्वप्रथम इनका निर्माण होने के कारण इन्हें 'प्राथमिक शैल' भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि यही वे पहली चट्टानें हैं जो पिघले हुए चट्टानी पदार्थ से बनती हैं I
आग्नेय चट्टान वह चट्टानें हैं, जिनका निर्माण ज्वालामुखी से निकले मैग्मा या लावा से होता है। जब तप्त एवं तरल मैग्मा ठण्डा होकर जम जाता है और ठोस अवस्था को प्राप्त कर लेता है, तो इस प्रकार की चट्टानों का निर्माण होता है।
पृथ्वी की आंतरिक संरचना कई संकेंद्रित परतों से बनी है अर्थात पृथ्वी के आंतरिक भाग को क्रस्ट (ऊपरी परत), मैन्टल (मध्य परत) और कोर(निचली परत) नाम की तीन परतों में बाँटा जाता है ।
पृथ्वी के धरातल की उत्पत्ति में सर्वप्रथम इनका निर्माण होने के कारण इन्हें 'प्राथमिक शैल' भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि यही वे पहली चट्टानें हैं जो पिघले हुए चट्टानी पदार्थ से बनती हैं I
आग्नेय चट्टान वह चट्टानें हैं, जिनका निर्माण ज्वालामुखी से निकले मैग्मा या लावा से होता है। जब तप्त एवं तरल मैग्मा ठण्डा होकर जम जाता है और ठोस अवस्था को प्राप्त कर लेता है, तो इस प्रकार की चट्टानों का निर्माण होता है।
पृथ्वी की आंतरिक संरचना कई संकेंद्रित परतों से बनी है अर्थात पृथ्वी के आंतरिक भाग को क्रस्ट (ऊपरी परत), मैन्टल (मध्य परत) और कोर(निचली परत) नाम की तीन परतों में बाँटा जाता है ।