अवसादी चट्टान से तात्पर्य है कि, प्रकृति के कारकों द्वारा निर्मित छोटी-छोटी चट्टानें किसी स्थान पर जमा हो जाती हैं, और बाद के काल में दबाव या रासायनिक प्रतिक्रिया या अन्य कारकों के द्वारा परत जैसी ठोस रूप में निर्मित हो जाती हैं।
आग्नेय चट्टाने और अवसादी चट्टानों का वर्गीकरण: इस अध्याय में चट्टान (शैल) का अर्थ एवं चट्टानों के वर्गीकरण के बारे में सामान्य ज्ञान जानकारी दी गयी है।
अपक्षय एवं अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा मौलिक चट्टनों के विघटन, वियोजन और टूटने से परिवहन तथा किसी स्थान पर जमाव के परिणामस्वरुप उनके अवसादों से निर्मित शैल को अवसादी शैल कहा जाता हैं।
चट्टान भूपटल के सभी कठोर एवं मुलायम पदार्थ चट्टान कहलाते हैं, उदारणार्थ- पत्थर, बालू, मिट्टी आदि। अर्थात् भूपटल के वे सभी पदार्थ, जो खनिज नहीं हैं, चट्टानें कहलाती हैं। ये ग्रेनाइट के समान कठोर हो सकती हैं और मिट्टी जैसी मुलायम भी हो सकती है।
भूपर्पटी पर ठोस पिण्ड के रूप में दिखाई देने वाले किसी भी प्राकृतिक निक्षेप को चट्टान कहा जाता है। इनका निर्माण दो प्रकार से होता है ...अधिक जानकारी के लिए, आगे पढ़ें।
अवसादी चट्टान से तात्पर्य है कि, प्रकृति के कारकों द्वारा निर्मित छोटी-छोटी चट्टानें किसी स्थान पर जमा हो जाती हैं, और बाद के काल में दबाव या रासायनिक प्रतिक्रिया या अन्य कारकों के द्वारा परत जैसी ठोस रूप में निर्मित हो जाती हैं।
आग्नेय चट्टाने और अवसादी चट्टानों का वर्गीकरण: इस अध्याय में चट्टान (शैल) का अर्थ एवं चट्टानों के वर्गीकरण के बारे में सामान्य ज्ञान जानकारी दी गयी है।
अपक्षय एवं अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा मौलिक चट्टनों के विघटन, वियोजन और टूटने से परिवहन तथा किसी स्थान पर जमाव के परिणामस्वरुप उनके अवसादों से निर्मित शैल को अवसादी शैल कहा जाता हैं।
चट्टान भूपटल के सभी कठोर एवं मुलायम पदार्थ चट्टान कहलाते हैं, उदारणार्थ- पत्थर, बालू, मिट्टी आदि। अर्थात् भूपटल के वे सभी पदार्थ, जो खनिज नहीं हैं, चट्टानें कहलाती हैं। ये ग्रेनाइट के समान कठोर हो सकती हैं और मिट्टी जैसी मुलायम भी हो सकती है।
भूपर्पटी पर ठोस पिण्ड के रूप में दिखाई देने वाले किसी भी प्राकृतिक निक्षेप को चट्टान कहा जाता है। इनका निर्माण दो प्रकार से होता है ...अधिक जानकारी के लिए, आगे पढ़ें।